नयी दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि कोष संगठन (ईपीएफओ) ईटीएफ के जरिए शेयर बाजारों में अपेक्षाकृत अधिक अनुपात में धन निवेश करने के बारे में सात जुलाई की बैठक में निर्णय कर सकता है. ईटीएफ के जरिए निवेश पर संगठन को मुनाफा होने लगा है. यह बात आज श्रम मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने कही. दत्तात्रेय ने काम काज की जगह सुरक्षा से जुडे मुद्दे पर एक कार्यक्रम में, ‘ईटीएफ में ईपीएफओ के निवेश पर एक रपट केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) के समक्ष रखी जाएगी. रिपोर्ट अब अच्छी है. हम निवेश का अनुपात बढाने पर फैसला करेंगे और इससे निवेश की मात्रा भी बढेगी.’ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की बैठक सात जुलाई को होनी है. उसकी अध्यक्षता श्रम मंत्री करेंगे.
निवेश पर सात जुलाई को विस्तृत विश्लेषण होना है. एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) की यूनिटों को बाजार में शेयरों की तरह ही खरीदा बेचा जा सकता है. इस फंड का पैसा चुनिंदा शेयरों, बांड, जिंस और सूचकांक आधारित अनुबंधों में लगाया जाता है. ईपीएफओ ने पिछले साल अगस्त में ईटीएफ में निवेश शुरू किया था पिछले वित्त वर्ष के दौरान ईपीएफओ में बढे हुए कोष का पांच प्रतिशत ईटीएफ में जमा किया गया था. अब इस अनुपात को और बढाने का विचार चल रहा है.
मंत्री ने कहा, ‘ईपीएफओ के न्यासी विभिन्न संबद्ध पक्षों के साथ परामर्श करने के बाद ईटीएफ में निवेश का अनुपात बढाने के संबंध में फैसला करेंगे.’ दत्तात्रेय ने कहा, ‘रपट के विश्लेषण पर विचार के बाद मैं अध्यक्ष के तौर पर मैं सीबीटी के अन्य सदस्यों के साथ ईटीएफ में निवेश का अनुपात बढाने पर चर्चा करुंगा. पिछले साल यह पांच प्रतिशत था. वित्त मंत्रालय के निवेश पैटर्न के लिहाज से यह 15 प्रतिशत तक जा सकता है.’
मंत्री ने कहा कि 31 मार्च 2016 तक 6,577 करोड रुपये की राशि का निवेश किया था जो 0.37 प्रतिशत बढकर 6,602 करोड रुपये हो गया. 30 अप्रैल 2016 को 6,674 करोड रुपये का निवेश 1.68 प्रतिशत बढकर 6,786 करोड रुपये हो गया. यह प्रस्ताव कानून विभाग के पास जाएगा जिसके बाद यह मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा. मंत्री ने कहा कि फैक्टरी अधिनियम में पेशवर सुरक्षा एवं स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा आकलनकर्तरओं के लिए नये प्रावधान पेश करने की भी जरुरत है.
सुरक्षा आकलनकर्ताओं से जुडा प्रस्ताव कानून मंत्रालय के पास जाएगा और फिर यह मंत्रिमंडल के पास जाएगा. श्रम मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा आकलनकर्ता की अवधारणा पेश करने के लिए संबंध में त्रिपक्षीय परामर्श पेश किया जा चुका है क्योंकि इस संबंध में दो दौर की वार्ता हुई है.
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