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ग्राहकों को लुभा रहा स्विस बैंक

दावोस/ज्यूरिख : स्विस बैंक का गोपनीयता विशेषाधिकार खत्म होने के बाद अब कुछ बैंक भारत और अन्य देशों के अमीर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए एक नया तरीका अपना रहे हैं और नकदी कुरियर जैसी सुविधाएं दे रहे हैं. साथ ही करेंसी नोट, सोना, कलाकृतियां और अन्य बहुमूल्य सामग्री जमा कराने के लिए धातु […]

दावोस/ज्यूरिख : स्विस बैंक का गोपनीयता विशेषाधिकार खत्म होने के बाद अब कुछ बैंक भारत और अन्य देशों के अमीर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए एक नया तरीका अपना रहे हैं और नकदी कुरियर जैसी सुविधाएं दे रहे हैं. साथ ही करेंसी नोट, सोना, कलाकृतियां और अन्य बहुमूल्य सामग्री जमा कराने के लिए धातु के तहखाने उपलब्ध कराने की पेशकश भी कर रहे हैं.

ज्यूरिख में बिटक्वायन एटीएम के परिचालन में आने के मद्देनजर आभासी मुद्रा के तौर पर धन रखने का भी सुझाव दिया जा रहा है. स्विट्जरलैंड में आल्प्स की गोद में बसे शहर दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूइएफ) की सालाना बैठक में विश्व के अमीरों का जमावड़ा हो रहा है और उनमें से कई स्विस बैंक के अधिकारियों से मिलनेवाले हैं, ताकि अपना गुप्त धन सुरक्षित रखने के लिए नयी रणनीति बनायी जा सके.

स्विस बैंकों के कई अधिकारियों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर स्वीकार किया कि ऐसी बैठकें इस सप्ताह दावोस सम्मेलन और ज्यूरिख में होनी है. इन बैठकों में भारतीय ग्राहकों के प्रतिनिधियों के साथ होनेवाली बातचीत भी शामिल है. बड़े बैंक प्रतिनिधियों ने कहा कि वे अपने ग्राहकों को अपना गुप्त धन यहां रखने से जुड़े संभावित जोखिम के बारे में सलाह दे रहे हैं, जबकि कई छोटे बैंकों ने दावा किया कि नकदी वाल्ट की सेवाओं के उपयोग में जोखिम कम होता है जिस पर सेवा शुल्क, रखरखाव और किराया अधिक है.

* संधि पर प्रगति नहीं

भारत और स्विट्जरलैंड की सरकारों ने द्विपक्षीय कराधान संधि में संशोधन किया है, ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान और कथित तौर पर कर चोरों को पकड़ने में सहयोग किया जा सके. हालांकि, इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है. स्विट्जरलैंड ने हाल ही में भारत एक शिष्टमंडल भेजने की पेशकश की है, ताकि इस मामले में दोनों देशों के बीच सहयोग और बढ़ाया जा सके.

* मुंबई को पेश करने का बेहतर अवसर

विश्व आर्थिक मंच की मंगलवार को यहां शुरू हुई सालाना बैठक में भारतीय उद्योग मंडल ऐसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने कहा कि इस अवसर का उपयोग मुंबई को एक शीर्ष अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र के तौर पर पेश करने के लिए किया जा सकता है. मुंबई में एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र बनने की पूरी क्षमता है. पहले भी मुंबई को प्रमुख अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र के तौर पर विकसित करने की कोशिशें हो चुकी हैं, जबकि इस संभावना के अध्ययन के लिए सरकार ने एक विशेषज्ञ समूह का भी गठन किया था.

हालांकि, मुंबई अभी भी शीर्ष अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्रों की सूची में बहुत नीचे है. हाल में जारी वैश्विक वित्तीय केंद्र सूचकांक (जीएफसीआइ) के मुताबिक मुंबई विश्व के प्रमुख वित्तीय केंद्रों की सूची में फिसल कर 66वें स्थान पर आ गया.

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