सड़कों के निमार्ण में अब होगा कचड़े का इस्तेमाल

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी की गाजीपुर मंडी के ठोस कचरे का इस्तेमाल राजमार्गों के निर्माण में किया जाएगा. इसक अलावा 8,037 करोड़ रपये की दो पेरिफेरल एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के आसपास साजसज्जा की योजना भी आगे बढ रही है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज यह जानकारी दी. राष्ट्रीय हरित राजमार्ग मिशन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2016 8:00 PM

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी की गाजीपुर मंडी के ठोस कचरे का इस्तेमाल राजमार्गों के निर्माण में किया जाएगा. इसक अलावा 8,037 करोड़ रपये की दो पेरिफेरल एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के आसपास साजसज्जा की योजना भी आगे बढ रही है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज यह जानकारी दी. राष्ट्रीय हरित राजमार्ग मिशन के तहत पौधरोपण अभियान के शुभारंभ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में गडकरी ने कहा, ‘‘पूर्वी और पश्चिमी बाईपास पहली पायलट परियोजना है और इनके सौंदर्यीकरण को वास्तुकार डिजाइन करेंगे.

इनमें लैंडस्केपिंग और अन्य काम शामिल है. सरकार की योजना इस परियोजना का निर्माण 400 दिन में करने की है.” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन दो परियोजनाओं की आधारशिला पिछले साल रखी थी. इन परियोजनाओं की संयुक्त लंबाई 271 किलोमीटर की है. गडकरी ने हरियाणा सरकार से उन उपक्रम के लिए आगे आने को कहा. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन इस तरीके से किया जाएगा कि यहां की सडकों पर वाहन चलाना एक अलग अनुभव होगा. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद दिल्ली में भीड़भाड़ घटेगी तथा प्रदूषण में भी कम से कम 50 प्रतिशत की कमी आएगी. पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे 135 किलोमीटर का होगा और इस पर 5,763 करोड रुपये की लागत आएगी. पश्चिमी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की लंबाई 136 किलोमीटर होगी और इस पर 2,274 करोड रुपये की लागत आएगी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version