नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को 2जी घोटाले के एयरसेल-मैक्सिस मामले में धन शोधन की जांच के सिलसिले में समन जारी किया है. अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने कार्ति को नोटिस जारी किया था कि वह व्यक्तिगत रूप से या अधिकृत प्रतिनिधि के जरिए एजेंसी के समक्ष उपस्थित हों और अपना व्यक्तिगत वित्तीय दस्तावेज और फर्म से संबंधित दस्तावेज इस सप्ताह पेश करें. यह पहला मौका है जब कार्ति को मामले में नोटिस जारी किया गया है, जिसकी जांच पिछले सप्ताह से चल रही है. ऐसा समझा जाता है कि कार्ति ने नोटिस का पालन करने के लिए और समय की मांग की है.
यह जांच कार्ति के एडवांटेज स्ट्रैटजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड और चेस ग्लोबल एडवाइजरी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित है. कार्ति इन दोनों कंपनियों के निदेशक हैं. आयकर विभाग ने चेन्नई में चेस ग्लोबल फर्म के व्यापारिक परिसरों में पिछले साल दिसंबर में कार्ति की मौजूदगी में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था.इस महीने की शुरुआत में ईडी ने सिकोइया इंडिया के बेंगलुरु स्थित दफ्तर पर भी छापे मारे थे. ईडी ने तब कंपनी के प्रबंध निदेशक वीटी भारद्वाज से भी पूछताछ की थी, जिसमें कथित रूप से उन्होंने बताया था कि वासन हेल्थ केयर का कोई मूल्यांकन रिपोर्ट नहीं की गई थी, जिससे कि उसके शेयरों की असल कीमत का पता चल सके.
प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि सिकोइया द्वारा शेयरों के लिए चुकाई गई यह कीमत उसके अपने ऑडिटर सुरेश एंड कंपनी की अनुमान से भी मेल नहीं खाते हैं. ईडी के अधिकारी का कहना है कि जांच में पता चला कि वासन के एक शेयर का मूल्य 110 रुपये था, लेकिन एक हफ्ते बाद ही इस वेंचर कैपिटल फर्म ने भारी भरकम प्रीमियम पर ये शेयर खरीद लिए. ईडी के दावों के अनुसार, इस सौदे से हुए भारी मुनाफे से कार्ति की अप्रत्यक्ष मालिकाना हक वाली कंपनी एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसंल्टिंग सर्विसेज की सिंगापुर शाखा दुनिया भर में खरीदारी के लिए निकल पड़ी.
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