नयी दिल्ली : भारत में मुद्रस्फीति 31 मार्च 2017 को समाप्त होने वाली तिमाही तक घटकर 4.5 प्रतिशत रह जाने की उम्मीद है और इससे रिजर्व बैंक को चालू वित्त वर्ष में मुख्य नीतिगत दर में 0.5 प्रतिशत कटौती करने की गुंजाइश मिलेगी. यह बात मार्गन स्टैनली की एक रपट में कही गई. वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी के मुताबिक अपस्फीतिक दबाव आरबीआई को कटौती के मार्ग पर अग्रसर रखेगा.
मार्गन स्टैनली ने एक रपट में कहा, ‘हमें मार्च 2017 को समाप्त तिमाही तक नीतिगत दर में 0.5 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद है.’ जून की समीक्षा बैठक में आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने मुद्रास्फीतिक दबाव का उल्लेख करते हुए ब्याज दर का अपरिवर्तित रखा था लेकिन संकेत दिया था कि यदि अच्छे मानसून से मुद्रास्फीति कम करने में मदद मिलती है तो इसमें कटौती होगी.
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