नयी दिल्ली : संसद के चालू सत्र में जीएसटी विधेयक के पारित होने की उम्मीद बढ़ गयी है.वित्त मंत्री अरुण जेटली जीएसटी को लेकर विभिन्न दलों के नेताओं से बात कर सहमति बनाने की कोशिश में लगातार लगे हुए हैं.कल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने मीडिया को बताया कि कांग्रेस जीएसटी के पक्ष में है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा किकांग्रेस पार्टी जीएसटी की अधिकतम सीमा 18 प्रतिशत तय करने तथा विवादों के समाधान के लिए एक स्वतंत्र व्यवस्था निर्मित करने के लिए सरकार पर दबाव बनायेगी
अंदरखाने से आ रही खबर के मुताबिक चिंदबरम मोदी सरकार के जीएसटी विधेयक के खिलाफ है और अब भी अपने रूख पर अड़े हुए है. चिंदबरम मौजूदा विधेयक में संशोधन चाहते है लेकिन राहुल गांधी का रूख नरम पड़ गया है. उधर जीएसटी विधेयक को लेकर पिछले दिनों वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. नीतीश कुमार ने भरोसा दिलाया है कि वो इस विधेयक का समर्थक करेंगे.गौरतलब है कि अगले सप्ताह संसद में जीएसटी बिल लाया जायेगा. उधर आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सपा के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल से मुलाकात की है.
अरुण जेटली ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘हम इस मामले में आशावान हैं.’ उन्होंने संकेत दिया कि सरकार ने बिल पास कराने के लिए राज्यसभा में दो तिहाई बहुमत जुटा लिया है. जीएसटी को कानूनी शक्ल देने लिए सरकार को संविधान में संशोधन भी करना पड़ेगा. राज्यसभा में 32 में से 30 पार्टियां अब जीएसटी बिल का समर्थन कर रही हैं.
क्या है जीएसटी बिल ?
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) एक अप्रत्यक्ष कर यानी इंडायरेक्ट टैक्स है. जीएसटी बिल को टैक्स सुधार के मामले में क्रांतिकारी कदम के रूप में देखा जा रहा है. देश के अलग-अलग राज्यों में वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग टैक्स लगता है लेकिन जीएसटी लागू होने पर वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स एक ही जगह लगेगा.
राज्यसभा का गणित
जीएसटी के लिए राज्यसभा में दो तिहाई बहुमत चाहिए. राज्यसभा में 243 सदस्य है. सरकार को विधेयक पारित करवाने के लिए दो तिहाई बहुमत या 162 वोट चाहिए. अगर कांग्रेस अपने 60 सांसदों के साथ जीएसटी के खिलाफ वोट भी करती है तो ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार विधेयक पारित करवा लेगी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.