मुंबई : गिरवी रखकर ऋण देने वाली कंपनी डीएचएफएल अपने पहले गैर परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) निर्गम के जरिये 4,000 करोड रुपये जुटाने की योजना बना रही है. इसमें निवेशकों के पास कूपन यानी ब्याज दरों को खुदरा मुद्रास्फीति से संबद्ध करने का विकल्प होगा. कंपनी ने कल जारी एक बयान में कहा कि आवास वित्त कंपनी 1,000 रुपये प्रत्येक अंकित मूल्य के सुरक्षित विमोच्य एनसीडी जारी कर 4,000 करोड रुपये तक जुटाएगी. निर्गम का आकार हालांकि 1,000 करोड रुपये का होगा जिसमें कंपनी को 4,000 करोड रुपये तक अधिक अभिदान को रखने का विकल्प होगा.
एनसीडी के निवेशकों को तीन, पांच और दस साल की अवधि का डिबैंचर चुनने का विकल्प होगा साथ ही इसपर उन्होंने मासिक, सालाना और एकमुश्त ब्याज भुगतान का भी विकल्प उपलब्ध होगा. एनसीडी पर निवेशकों को सालाना प्रतिफल प्राप्ति 9.2 से 9.3 प्रतिशत तक हो सकती है. यह निवेशकों की श्रेणी के उपर निर्भर करेगा कि वह खुदरा निवेशक हैं अथवा ऊंची नेटवर्थ वाले निवेशक हैं. साथ ही एनसीडी की अवधि भी इसमें काफी अहम होगी.
डीएचएफएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कपिल वाधवान ने कहा, ‘बेहतर कोष लागत के लिये कोष के विभिन्न स्रोतों में एनसीडी एक जरिया है. कोष के लिये विविध पोर्टफोलियो होने से हमें कोश के मामले में स्थिरता और तरलता बनाये रखने में मदद मिलती है.’
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