बंद हो रही है पार्ले जी की फैक्ट्री, साधारण लोगों के साथ मशहूर लोग भी करते हैं पसंद
मुंबई : विले पार्ले की फैक्टी जो पार्ले जी बिस्कुट भी बनाती है 87 सालों के बाद बंद होने वाली है. इस फैक्ट्री में लगभग 300 कर्मचारी काम करते थे. पारले जी बिल्कुट आज भी लोगों को बहुत पसंद है. इस कारखाने के बंद होने के पीछे इसका प्रोडक्शन कम होना बताया जाता है. इस […]
मुंबई : विले पार्ले की फैक्टी जो पार्ले जी बिस्कुट भी बनाती है 87 सालों के बाद बंद होने वाली है. इस फैक्ट्री में लगभग 300 कर्मचारी काम करते थे. पारले जी बिल्कुट आज भी लोगों को बहुत पसंद है. इस कारखाने के बंद होने के पीछे इसका प्रोडक्शन कम होना बताया जाता है.
इस कारखाने की कीमत कारोबार 10,000 करोड़ रुपए बतायी जाती है. काम करने वाले 300 कर्मचारियों से वीआरएस ले लिया गया. इस कारखाने के बंद होने से न सिर्फ कर्मचारी बल्कि आसपास के लोग भी बेहद दुखी है. कारखाने के पास रहने वाले एक व्यक्ति ने कहा, अंदर से बहुत अच्छी खुशबू आती थी.
1939 में इसकी शुरूआत हुई थी फिर इसका नाम 1980 में बदलकर पार्ले जी कर दिया गया . अभी भी इसकी बहुत मांग है कंपनी हर दिन करीब 40 करोड़ बिस्किट का निर्माण करती है. कंपनी की फैक्ट्री जहां पर है उसका नाम भी यही है. कंपनी के मालिक ने इस फैक्ट्री को बंद करने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि पिछले कुछ सालों से उत्पादन में गिरावट हुई है.
साधारण लोग ही नहीं सेलिब्रेटी को भी पसंद है पार्ले जी
सुनील गावस्कर- मशहूर भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर की एक कमजोरी थी और वह थे पारले जी ग्लूकोज बिस्कुट.गावस्कर के 67वें जन्मदिन के मौके पर उनकी छोटी बहन नूतन ने इसका खुलासा किया. उन्होंने कहा, गावस्कर चाय या काफी के साथ यह बिस्कुट खाते थे और जब भी वह वेस्टइंडीज जाते तो हम कोशिश करते थे कि उनके लिये बिस्कुट भेज दें.’ उन्होंने कहा ,‘‘ वह दौरे से पहले खुद अपने सामान के साथ वह बिस्कुट रखते लेकिन तीन सप्ताह या एक महीने में वे खत्म हो जाते. वह जब भी , जिस भी दौरे पर जाते तो हम किसी पत्रकार या रिश्तेदार या दोस्त के साथ बिस्कुट भेजते थे.
सचिन पिलगांवकर- अभिनेता सचिनपार्ले जी के साथ अपने संबंधों को याद करते हुए कहते हैं यह हमेशा मेरे साथ रहा. मैं किसी भी देश में रहा लेकिन पार्ले जी ले जाना नहीं भूला . इसका वही स्वाद आज भी बरकार है.
दिव्यांका त्रिपाठी – टीवी अभिनेत्री दिव्यांका बताती है, हमे बचपन में यह खूब पसंद था. दिव्यांका बताती है कि उनके यहां मेडिकल की रिटेल दुकान थी तो उनके यहां कार्टून भर – भर के बिल्कुट आते थे. हमें जब भी मौका मिलता तो हम पार्ले जी दुकान से निकालकर खाने लगते थे.
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