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GST लागू होने के बाद जानें कौन से सामान होंगे सस्ते और कौन से महंगे

नयी दिल्ली : बहुप्रतीक्षित जीएसटी बिल आज राज्यसभा में चर्चा के लिए रखा जाना है. काफी मान मनौवल के बाद जीएसटी के कई प्रावधानों में बदलाव कर सरकार मौजूदा सत्र में इसे पारित करवाने का हर संभव प्रयास कर रही है. पिछले दो सालों से जीएसटी पर आमसहमति नहीं बन पाने के कारण राज्यसभा में […]

नयी दिल्ली : बहुप्रतीक्षित जीएसटी बिल आज राज्यसभा में चर्चा के लिए रखा जाना है. काफी मान मनौवल के बाद जीएसटी के कई प्रावधानों में बदलाव कर सरकार मौजूदा सत्र में इसे पारित करवाने का हर संभव प्रयास कर रही है. पिछले दो सालों से जीएसटी पर आमसहमति नहीं बन पाने के कारण राज्यसभा में लटका पड़ा है. ऐसा लग रहा है कि जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स अब हकीकत बनने के बेहद करीब है. विशेषज्ञों की मानें तो यह एक ऐसा टैक्ससिस्टमहै जो टैक्स के भारी जाल से उपभोक्ताओं को निजात दिलायेगा. माना जा रहा है कि जीएसटी आने के बाद बहुत सी चीजें सस्ती हो जाएगी. लेकिन कुछ चीजों के दाम बढ़ भी सकते हैं. जीएसटी बिल पास होने के बाद जब सरकार यह बता देगी कि किस वस्तु पर कितना टैक्स फिक्स किया गया है तभी सस्ती और महंगी चीजों का सही आकलन किया जा सकता है. इन सब के बीच जीएसटी लागू हो जाने से टैक्स का पूरा सिस्टम आसान हो जाएगा.

ये चीजें हो सकती हैं सस्ती

छोटी कारें : अगर आप छोटी कारें या मिनी एसयूवी खरीदना चाहते हैं तो जीएसटी लागू होने के साथ ही ये 45000 रुपये तक सस्ती हो सकती हैं. अभी इन गाड़ियों पर कुल 30-44 फीसदी तक टैक्स लगता है, लेकिन जीएसटी के तहत इन पर 18 प्रतिशत टैक्स लगने की संभावना है.

रेस्तरां का बिल : संभावना है कि रेस्तरां का बिल भी कम हो जाएगा. क्योंकि अभी रेस्तरां में वैट और सर्विस टैक्स दोनों लगता है. लेकिन जीएसटी के तहत सिर्फ एक ही टैक्स लगेगा.

घर या फ्लैट : घर या फ्लैट आदि खरीदना हो तो जीएसटी लागू होने के बाद ये भी सस्‍ते हो सकते हैं. घर आदि की खरीद पर वैट और सर्विस टैक्स दोनों लगते हैं. जीएसटी लगने के बाद ये सस्ता हो सकता है.

कंज्यूमर ड्यूरेबल : उपभोक्ताओं को कंज्यूमर ड्यूरेबल पर भी जीएसटी का फायदा मिलने की उम्मीद है. एयरकंडीशन, पंखे, माइक्रोवेव ओवन, फ्रीज, वाशिंग मशीन जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सस्ते हो सकते हैं. अभी इन पर सामान्य तौर पर 12.5 फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगती है जबकि 14.5 फीसदी तक वैट लगता है जबकि जीएसटी लागू होने के बाद सिर्फ एक टैक्स 17-18 फीसदी लगेगा.

मालढुलाई : जीएसटी आने से सिर्फ इंडस्ट्री और कंज्यूमर को फायदा नहीं होगा बल्कि मालढुलाई भी 20 फीसदी सस्ती हो जाएगी. इसका फायदा लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री होगा. जब माल ढुलाई कम होगी तो उपभोक्ताओं को सामान भी सस्ते मिलेंगे. लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री को जीएसटी बिल का बेसब्री से इंतजार है.

इंडस्ट्री : अगर जीएसटी पूरी तरह से लागू किया गया तो सबसे ज्यादा फायदा इंडस्ट्री को होने वाला है. जीएसटी लागू हो जाने के बाद इंडस्ट्रीज को अलग-अलग करीब 18 टैक्स नहीं भरने होंगे. टैक्स भरने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी, और टैक्स का बोझ भी काफी कम हो जाएगा.

ये चीजें हो सकती हैं महंगी

चाय, काफी, डब्बा बंद सामान : जीएसटी का असर डब्बा बंद सामानों पर ज्यादा पड़ने वाला है. अभी चाय , कॉफी और डब्बा बंद सामानों पर 4 से 5 प्रतिशत ही टैक्स लगता है. वहीं जीएसटी के लागू होने के बाद इन सामानों पर कम से कम 12 फीसदी टैक्स लगेगा.

ज्वेलरी : ज्वेलरी के शौकीन लोगों को जीएसटी से नुकसान हो सकता है. अभी जहां ज्वेलरी पर सरकार 3 प्रतिशत ही टैक्स लगता है. जीएसटी के लागू हो जाने के बाद ये टैक्स करीब 12 प्रतिशत लगेगा.

रेडिमेट गार्मेंट्स : रेडिमेट सामानों पर मौजूदा समय में 4 से 5 प्रतिशत टैक्स लगता है. जीएसटी लागू को जाने के बाद ये टैक्स 12 फीसदी या उससे अधिक भी हो सकता है. ऐसे में ग्राहकों को अधिक मूल्य चुकाना पड़ेगा.

मोबाइल फोन्स व क्रेडिट कार्ड का बिल : जीएसटी लागू होने के बाद आप सस्ते मोबाइल बिल्स का लाभ नहीं उठा पायेंगे. मौजूदा समय में 14 से 15 प्रतिशत टैक्स के साथ मोबाइल व क्रेडिट कार्ड का बिल्स आता है. वहीं जीएसटी के लागू हो जाने के बाद यह टैक्स 18 प्रतिशत के करीब हो जायेगा.

डिस्काउंट वाला सामान : आनलाइन शॉपिंग पर आपको कितना अधिक भी डिस्काउंट क्यों ना मिले, सामान खरीदना आपके लिए महंगा हो जायेगा. अभीतक डिस्काउंट वाले सामान के डिस्काउंट रेट पर ही टैक्स लगता था, लेकिन अब डिस्काउंट की स्थिति में एमआरपी की राशि पर टैक्स चुकाना पड़ेगा, जिससे डिस्काउंट का खासा फायदा नहीं होगा.

जीएसटी में कितना होगा टैक्स ?

जीएसटी लागू होने से क्या सस्ता होगा और क्या महंगा ये तो तब पता चलेगा जब सरकार ये तय कर देगी कि किस सामान पर जीएसटी के तहत टैक्स की दरें क्या होंगी. इस बीच काफी हद तक संभावना है कि सरकार अरविंद सुब्रह्मणियम कमेटी की सिफारिशों को ही आधार बनाएगी. कमेटी के अनुसार जीएसटी के तहत टैक्स की न्यूनतम दर 12 फीसदी रखने की सिफारिश की गयी है. साथ ही टैक्स छूट का दायरा कम करने की भी बात कही गयी है. इन सिफारिशों को अगर मान लिया गया तो कई सामान पर जिनपर अभी टैक्स नहीं लगता है या फिर बहुत कम टैक्स लगता है वो महंगी हो जाएंगी. अगर सरकार लोअर रेट पर भी जीएसटी लगती है तो वो 12 प्रतिशत होगी.

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