नयी दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से मालवहन क्षेत्र को सालाना 200 अरब डॉलर का फायदा होगा. देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इस क्षेत्र की 14 प्रतिशत भागीदारी है. इसके लागू होने से तेजी से आवागमन सुनिश्चित होगा और मालवहन में लगने वाले इंतजारी समय में कमी आएगी.
मालवहन क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी के लागू होने से कई कर प्रक्रियाएं खत्म हो जाएंगी. इससे माल भंडारण की लागत कम हो जाएगी क्योंकि ग्राहकों (कंपनियों) को अलग-अलग गोदामों में माल का भंडारण नहीं करना होगा.मालवहन कंपनी रिविगो के संस्थापक दीपक गर्ग ने कहा कि दो से तीन हजार अरब डॉलर की एक अर्थव्यवस्था के लिए जीएसटी लागू होने से जब माल भंडारण की लागत कम होगी तो इस काम में लगने वाले अतिरिक्त 200 अरब डॉलर की बचत का प्रयोग उत्पादक और मूल्य वर्द्धन वाले कार्यों में होगा जिससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा.
ट्रांसपोर्टरों के प्रमुख संगठन एआईएमटीसी ने भी राज्यसभा द्वारा जीएसटी के प्रावधान वाला संविधान संशोधन विधेयक पारित करने को एक ‘सकारात्मक सुधार’ करार दिया.एआईएमटीसी के पूर्व अध्यक्ष बाल मल्कित सिंह ने कहा कि नई व्यवस्था में देश में वस्तुओं एवं यात्रियों का सीमा, प्रतिबंध रहित निर्बाध आवागमन होना चाहिए ताकि सड़क परिवहन की क्षमता पनप सके और मालवहन की लागत कम होकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी स्तर पर आएं
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