माल्या की 6,000 करोड़ रुपये की संपत्ति होगी कुर्क
मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब कारोबारी विजय माल्या और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में नई सिरे से कार्रवाई के तहत 6,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों की कुर्की की तैयारी की है. कथित बैंक रिण धोखाधडी मामले में यह कार्रवाई की जा रही है. ईडी ने कुर्की के लिए 6,000 करोड़ […]
मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब कारोबारी विजय माल्या और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में नई सिरे से कार्रवाई के तहत 6,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों की कुर्की की तैयारी की है. कथित बैंक रिण धोखाधडी मामले में यह कार्रवाई की जा रही है. ईडी ने कुर्की के लिए 6,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों की पहचान की है. एजेंसीमनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत कुर्की का दूसरा दौर शुरु करने की तैयारी कर रहा है.
माल्या को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धाराओं के तहत प्रोक्लेमेशन आदेश जारी किया गया था, लेकिन वह विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश नहीं हुए. सूत्रों ने कहा कि एजेंसीने अपनी कार्रवाई योजना के तहत कुर्क और फ्रीज करने के लिए माल्या और उनके परिवार के सदस्यों के कुछ गिरवी रखे शेयरों, संबंधित चल और अचल परिसंपत्तियों की पहचान की है.
उन्होंने कहा कि इस मामले में माल्या के अलावा उन लोगों के खिलाफ भी ऐसी कार्रवाई की जा सकती है जिनका नाम इसमें आया है. इस बीच, एजेंसीविशेष अदालत से ‘फरार व्यक्ति’ आदेश जारी करवाने की प्रक्रिया में है जिसे आगे विदेश मंत्रालय को भेजा जाएगा, जिससे भारत-ब्रिटेन एमएलएटी को लागू कर माल्या को जांच में शामिल करने को भारत वापस लाया जा सके.
ईडी ने इससे पहले जून में माल्या के खिलाफ प्रोक्लेमेशन नोटिस जारी करने की अपील की थी . उसका कहना था कि माल्या के खिलाफ कई गिरफ्तारी वॉरंट लंबित हैं. इनमें पीएमएलए के तहत एक गैर जमानती वॉरंट भी है. एजेंसी चाहती है कि वह व्यक्तिगत रुप से पेश होकर जांच में शामिल हों. प्रवर्तन निदेशालय कुछ महीने पहले पीएमएलए के तहत माल्या की 1,411 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क कर चुका है.
एजेंसीचाहती है कि माल्या और अन्य के खिलाफ 900 करोड़ रुपये के आईडीबीआई बैंक धोखाधडी मामले में माल्या को जांच में व्यक्तिगत रुप से शामिल करना चाहती है. माल्या और अन्य पर आरोप है कि उन्हांेने इस रिण के एक हिस्से को अपने विदेशी कारोबार में स्थानांतरित कर दिया था. निदेशालय ने पहले माल्या को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करने के लिए भारत-ब्रिटेन आपसी कानूनी सहयोग संधि :एमएलएटी: को लागू करने की मांग की है.
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