नयी दिल्ली: देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने से कारोबार सुगमता बढेगी और उद्योग अपना परिचालन विस्तार के लिये प्रोत्साहित होंगे. कुल मिलकार इससे रोजगार के अवसर बढेंगे. विशेषज्ञों ने यह बात कही.विशेषज्ञों के अनुसार जीएसटी के क्रियान्वयन से ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूती मिलेगी क्योंकि कंपनियां देश भर में विनिर्माण तथा औद्योगिक केंद्र खोल पाएंगी. इसका कारण जीएसटी से राज्य कर नियमन का टूटना है.
टीम लीज सर्विसेज के सह-संस्थापक और कार्यकारी उपाध्यक्ष रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘जीएसटी विधेयक के पारित होने से कंपनियों तथा अर्थव्यवस्था दोनों का फायदा होगा. इससे घरेलू खपत वाले क्षेत्रों में उल्लेखनीय संख्या में रोजगार सृजन का रास्ता साफ होगा.’ नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के तहत विनिर्माण वस्तुओं पर शुल्क कम होगा जबकि उपभोक्ता अधिक खर्च पर विराम लगा सकते हैं क्योंकि सेवा कर बोझ बढ़ेगा. इसका कारण जीएसटी का खपत आधारित कर होना है. जीएसटी के एक अप्रैल 2017 से लागू होने की संभावना है.
रितुपर्णा ने कहा कि जिस क्षेत्रों में तत्काल रोजगार बढेगा, उसमें उपभोक्ता वस्तु : रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियां (एफएमसीजी), मीडिया, वाहन उद्योग, सीमेंट और लाजिस्टिक शामिल हैं.ग्लोबल हंट के प्रबंधन निदेशक सुनील गोयल ने कहा, ‘‘शुरुआती एक-दो साल में कई लेखा एवं प्रशिक्षण कंपनियां जीएसटी के क्रियान्वयन में विशेषज्ञता के लिये रोगजार के अवसर सृजित करेंगी.’ उन्होंने कहा कि विनिर्माण, एफएमसीजी, ई-वाणिज्य, दूरसंचार, वाहन तथा मीडिया में अधिक संख्या में रोजगार सृजित होने का अनुमान है.
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