मुंबई : सुर्खियों के सरताज रहे भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने रिजर्व बैंक में अपने तीन साल के कार्यकाल को ‘बहुत ही अच्छा’ बताते देते हुए आज कहा कि उनके बारे में आलोचकों के त्वरित टिप्पणियों का कोई महत्व नहीं है क्योंकि उन्होंने केंद्रीय बैंक के प्रमुख केरूप में कुछ उपयोगी योगदान किए हैं और उनका नतीजा अगले 5-6 साल में दिखेगा. आज अपना आखिरी आर्थिक समीक्षा पेश करते हुए राजन थोड़े अलग अंदाज में नजर आये. उनके कैरियर के इस निर्णायक पल को देखने आज उनके बच्चे भी रिजर्व बैंक मुख्यालय पहुंचे. राजन ने आप अपनी टीम के साथ ग्रुप फोटा भी खिंचवाया और जीएसटी के संसद में पास होने के बाद उसकी तारीफ करते हुए यह सवाल भी खड़ा कर दिया कि शायद सरकार इसे अपने तय लक्ष्य एक अप्रैल 2017 से लागू नहीं कर पाये.
आलोचकों-प्रशंसकों को महत्व नहीं
रघुराम राजन ने बात-बात पर आलोचना या प्रशंसा करने वालों की बातों को कोई खास महत्व न देते हएु कहा कि कुछ ऐसे लोग भीहैं जो मुझे उस समय भी ‘शुक्रिया का गुमानम संदेश’ भेजते हैं जब में विमान में होता हूं.
राजन ने अपनी कार्यकाल की आखिरी द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए यहां कहा, ‘‘ त्वरित निर्णय :टिप्पणी: आलोचकों की हो या प्रशंसकों की, उसका कोई खास महत्व नहीं है. महत्वपूर्ण यह है कि दीर्घकाल में देश की मजबूत तथा टिकाउ वृद्धि, रोजगार सृजन और देश को मध्यम आय वर्ग के देशों की कोटि में पहुंचने में इन पहलों की कैसी भूमिका रही है.’ उन्होंने कहा, ‘‘ये चीजें आप अगले पांच-छह साल के अनुभव के लाभ के साथ ही देख सकेंगे और यह जान सकेंगे के कि ये उचित थीं या नहीं. हमारे विचार से परिस्थितियों के अनुरूप आरबीआइ में हमने जो कदम उठाए हैं वे उचित थे और उचित हैं.’ भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने शुरुआत में ब्याज दर उच्च स्तर पर बनाए रखने के लिए राजन की अलोचना की है. स्वामी का कहना है कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था विशेष तौर पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम क्षेत्र को नुकसान हुआ है. राजन का तीन साल कार्यकाल चार सितंबर को समाप्त हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘लोगों की अलग-अलग राय हो सकती है लेकिन हमें देखना है.. खीर का स्वाद तो खाने से मिलता है. देखते हैं कि अगले पांच-छह साल में इसका क्या असर रहता है और तब हम राय बना सकेंगे कि यह अच्छा है या बुरा है.’
आलोचक हमेशा होते हैं…
आलोचकों पर राय के बारे में पूछने पर राजन ने कहा, ‘‘मुझे कुछ नहीं कहना क्योंकि अलोचक हमेशा होते हैं. ऐसे लोग भी हैं जो विमान में भी मुझे संदेश भेजते हैं और अपना नाम बताए बगैर लिखते हैं, ‘जो आप कर रहे हैं उसके लिए शुक्रिया.’ यह काम का हिस्सा है. हमें इसे इसके नफे और नुकसान केरूप में देखना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आखिरकार क्या आपको लगता है कि आपने कुछ अच्छा किया है और इससे कुछ लोगों को फायदा हुआ है. मुझे लगता है कि इस लिहाज से यह काम बहुत ही अच्छा रहा है.’ राजन ने कहा कि उन्होंने आरबीआई के गवर्नर के पद पर अपने हर काम का आनंद लिया है क्योंकि वहां काम कुछ आगे बढ़ रहा था. उन्होंने कहा, ‘‘आप दफ्तर से यह कहते हुए विदा होते हैं कि हमने कुछ किया और ऐसे बहुत थोड़े मुकाम हैं जहां आपको इतना संतोष हो सकता है. मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही अच्छा अनुभव रहा और मुझे उम्मीद है कि इससे कुछ अच्छा काम हुआ है.’ अपनी भावी योजना के संबंध में राजन ने कहा कि इस संबंध में अभी उन्होंने फैसला नहीं किया है.
शिकागो विश्वविद्यालय जाऊंगा
उन्होंने कहा, ‘‘अभी मैं अपने पिछली नौकरी पर शिकागो विश्वविद्यालय जाऊंगा जहां मैं पढाता था लेकिन इसके साथ भारत में विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों में भी मेरी उल्लेखनीय सक्रियता रहेगी. इससे पहले मसलन, मैं इंडियन स्कूल आफ बिजनेस से जुड़ा था. देखते हैं आगे क्या करता हूं लेकिन अभी कोई योजना नहीं बनायी है.’ मीडिया द्वारा अपने परिवार के सदस्यों का पीछा करने पर नाखुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए.
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