मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को अनुमान के विपरीत अल्पकालिक नीतिगत दरों रेपो व रिवर्स रेपो में एक चौथाई प्रतिशत की वृद्धि कर दी, लेकिन उसने कहा है कि खुदरा महंगाई के अनुमान के अनुरूप रहने पर आगे इसे बढ़ाये जाने की उम्मीद नहीं है.
रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद अब लोन महंगा हो सकता है. गत वर्ष सितंबर में आरबीआइ का गवर्नर पद संभालने के बाद रघुराम राजन की ये चौथी समीक्षा है. राजन ने चालू वित्त वर्ष की ऋ ण व मौद्रिक नीति की तीसरी तिमाही समीक्षा मंगलवार को जारी करते हुए कहा कि वृहद आर्थिक स्थिति के आंकलन के बाद उसने अल्पकालिक ऋ ण दरों (रेपो) और रिवर्स रेपो में एक चौथाई प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है.
अब रेपो दर 7.75 प्रतिशत से बढ़ कर 8.0 प्रतिशत और रिवर्स रेपो 6.75 प्रतिशत से बढ़ कर 7.0 प्रतिशत हो जायेगी. इसी तरह से बैंक दर भी 8.75 प्रतिशत से एक चौथाई प्रतिशत बढ़ कर 9.0 प्रतिशत पर और मार्जिनल स्टैंडिग फैसिलिटी (एमएसएफ) भी एक चौथाई फीसदी बढ़ कर 9.0 प्रतिशत हो गयी है. हालांकि नकद आरक्षित अनुपात सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह चार प्रतिशत पर यथावत है.
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