राजन के उत्तराधिकारी बने उर्जित पटेल, मोदी सरकार ने नियुक्त किया RBI गवर्नर

नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नये गवर्नर उर्जित पटेल नियुक्त किये गये हैं. वे फिलहाल आरबीआइ में डिप्टी गवर्नर हैं और मौजूदा गवर्नर रघुराम राजन की जगह लेंगे. पिछले तीन दिनों से इस फैसले का इंतजार था कि आरबीआइ का नया चीफ कौन होगा. कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2016 6:35 PM

नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नये गवर्नर उर्जित पटेल नियुक्त किये गये हैं. वे फिलहाल आरबीआइ में डिप्टी गवर्नर हैं और मौजूदा गवर्नर रघुराम राजन की जगह लेंगे. पिछले तीन दिनों से इस फैसले का इंतजार था कि आरबीआइ का नया चीफ कौन होगा. कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली के बीच हुई मुलाकात के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि सरकार इस बिंदु पर अब किसी अंतिम नतीजे तक पहुंच चुकी है और अब नाम की घोषणा मात्र बाकी है.रिजर्व बैंक के गवर्नर के प्रमुख दावेदार के रूप में शुरुआत में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास, एसबीआइ चीफ अरुंधति भट्टाचार्य, सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन व कौशिक बसु के नामों की चर्चा थी.

जब रघुराम राजन ने दूसरी पारी नहीं लेने का सार्वजनिक एलान किया, तभी से उर्जित पटेल का नाम प्रमुखता से इस पद के लिए चर्चा में था. अंतिम दौर में उर्जित पटेल व आरबीआइ के पूर्व डिप्टी गवर्नर सुबीर गोकर्ण के नाम की ही इस अहम पद के लिए चर्चा थी.

53 वर्षीय उर्जित पटेल तुलनात्मक रूप से इस पद के लिए अपने अन्य प्रतिद्वंद्वियों से युवा हैं. उर्जित पटेल आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर के रूप में वर्तमान में मौद्रिक नीति के प्रभारी थे. उन्होंने येल यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडीकियाहै.पटेल ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एम फिल भी किया है.उन्होंनेराजन की टीम के सदस्य के रूप में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभायी है. ध्यान रहे कि राजन का कार्यकाल अगले महीने चार सितंबर को समाप्त हो रहा है.

पटेल 11 जनवरी 2013 को आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर नियुक्त किये गये. वे 1998-2001 के बीच भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग में सलाहकारभी रहे. उन्हेंइंटरनेशनल मॉनिटरीफंडमेंभी काम करने का अनुभवहै.1990 से 1995तकवेआइएमएफ के यूएसए, भारत, बमास व म्यांमार डेस्क का काम देखते रहे.

ध्यान रहे कि रघुराम राजन ने रिजर्व बैंक में दूसरी पारी से अपना मन तब बदल लिया, जब भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी लगातार उन पर हमले कर रहे थे और ब्याज दर कम नहीं करने के लिए उनकी आलोचना कर रहे थे. स्वामी ने राजन पर पूरा हिंदुस्तानी नहीं होने व जॉब किलर का आरोप लगाया था.

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