मोदी सरकार का नया सिरदर्द : 2016-17 की पहली तिमाही में GDP के आंकड़े में आयी गिरावट
नयी दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2016-17 की अप्रैल-जूनतिमाही में 7.1 प्रतिशत रही. यह वृद्धि दर इससे ठीक पिछली तिमाही जनवरी-मार्च वित्तीय वर्ष 2015-16 के 7.9 प्रतिशत से कम है. आज जारी जीडीपी के आंकड़े वित्तीय वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही के हैं. रायटर्स ने पोल के आधार पर अनुमान पेश किया था […]
नयी दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2016-17 की अप्रैल-जूनतिमाही में 7.1 प्रतिशत रही. यह वृद्धि दर इससे ठीक पिछली तिमाही जनवरी-मार्च वित्तीय वर्ष 2015-16 के 7.9 प्रतिशत से कम है. आज जारी जीडीपी के आंकड़े वित्तीय वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही के हैं. रायटर्स ने पोल के आधार पर अनुमान पेश किया था कि जारी वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही का जीडीपी ग्रोथ 7.6 प्रतिशत रहेगा. लेकिन, आज आये आंकड़े थोड़े निराशाजनक होने के बावजूदभारतीय अर्थव्यवस्थादुनिया कीसबसे तेजी से बढ़ती हुई दुनिया की एक बड़ी अर्थव्यवस्थाहै.
जीडीपी के नंबर में आयी इस गिरावटकेलिए मांग में आयी गिरावट से जोड़ कर देखा जा रहा है. अर्थव्यवस्था पर हुए प्रमुख सर्वे भी इंगित करते हैं विदेशी व घरेलू मांग में गिरावट आयी है. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा है कि उच्च सब्सिडी खर्च के कारण जारी वित्तीय वर्ष में जीडीपी में गिरावट आयी है. उन्होंने कहा कि पहले क्वार्टर में निर्यात बढ़ा है.
अप्रैल-जून तिमाही के आंकड़े
औद्योगिक वृद्धि : 6 प्रतिशत, यह आंकड़ा पिछले वर्ष इस अवधि में 6.7 प्रतिशत था
सर्विस सेक्टर ग्रोथ : 9.6 प्रतिशत, यह आंकड़ा पिछले साल इसी अवधि में 8.8 प्रतिशत था
विनिर्माण सेक्टर का ग्रोथ : 1.5 प्रतिशत, यह आंकड़ा पिछले साल इसी अवधि में 5.6 प्रतिशत था
कृषि सेक्टर का ग्रोथ : 1.8 प्रतिशत, यह आंकड़ा पिछले साल इसी अवधि में 2.6 प्रतिशत था
औद्योगिक उत्पाद में गिरावट
आज आये कोर सेक्टर ग्रोथ के आंकड़े भी थोड़े निराशाजनक हैं. औद्योगिक उत्पादन में करीब 38 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाली कोर सेक्टर में गिरावट दर्ज की गयी है. जुलाई में आठ कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ घटकर 3.2 प्रतिशत हो गयी है. बिजली, स्टील, सीमेंट के उत्पादन में गिरावट देखने को मिली है.
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