PM मोदी ने G20 में कहा, आर्थिक अपराधियों को सुरक्षित पनाह ना दें

हांगझोउ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अत्यधिक बैंकिंग गोपनीयता खत्म करने के लिए जी20 के सदस्य देशों का आह्वान करते हुए आज साफ किया कि प्रभावी वित्तीय संचालन के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ पहल करने के वास्ते ‘पूर्ण प्रतिबद्धता’ और आर्थिक अपराधियों के लिए ‘सुरक्षित पनाहगाह’ खत्म करने की जरुरत है. चीन के पूर्वी भाग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2016 10:39 AM

हांगझोउ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अत्यधिक बैंकिंग गोपनीयता खत्म करने के लिए जी20 के सदस्य देशों का आह्वान करते हुए आज साफ किया कि प्रभावी वित्तीय संचालन के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ पहल करने के वास्ते ‘पूर्ण प्रतिबद्धता’ और आर्थिक अपराधियों के लिए ‘सुरक्षित पनाहगाह’ खत्म करने की जरुरत है. चीन के पूर्वी भाग में स्थित इस शहर में आयोजित जी20 सम्मेलन के दूसरे दिन मोदी ने अपने भाषण में कहा कि प्रभावी वित्तीय संचालन के लिए भ्रष्टाचार, कालाधन और करचोरी से निपटना महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि ‘इसके लिए हमें आर्थिक अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह खत्म करने, धन शोधन करने वालों की तलाश और उनका बिना शर्त प्रत्यर्पण करने, जटिल अंतरराष्ट्रीय नियमों के जाल को तोडने तथा अत्यधिक बैंकिंग गोपनीय खत्म करने के लिए प्रयास करने की जरुरत है जो भ्रष्टाचार और उनके कारनामों पर पर्दा डालते हैं.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि वृद्धि के लिए स्थिर वैश्विक आर्थिक और वित्तीय प्रणाली आवश्यक है क्योंकि इससे समावेशी तथा सतत वृद्धि को बढावा मिलता है. उन्होंने वैश्विक वित्तीय सुरक्षा दायरे को और मजबूत करने का आह्वान किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने ट्विटर पर जारी कई संदेशों में प्रधानमंत्री के हवाले से कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), क्षेत्रीय वित्तीय व्यवस्था एवं द्विपक्षीय अदला-बदली व्यवस्थाओं के बीच हमें निरंतर वार्ता की जरुरत है. वित्तीय स्थिरता बोर्ड जैसी महत्वपूर्ण प्रणालियों को अपने मुख्य कामों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.’

मोदी ने कहा, ‘आईएमएफ को कोटा आधारित संस्थान बने रहना चाहिए और उसे उधार पर लिए गए संसाधनों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए.’ साथ ही प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि लंबे समय से अटकी कोटा की 15वीं आम समीक्षा 2017 की सालाना बैठकों तक पूरी हो जानी चाहिए. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, ‘भारत को अपने विकास को समर्थन प्रदान करने के लिए ऊर्जा की जरुरत है. परमाणु, नवीकरणीय ऊर्जा और जीवाश्म ईंधन का संतुलित मिश्रण हमारी नीति का केंद्र है.’

जी20 सदस्य विश्व के सकल घरेलू उत्पाद के 85 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं. जी20 देशों में अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.

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