नयी दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को सप्रंग सरकार के कार्यकाल में हुए 20.8 करोड डॉलर के एम्ब्रेयर विमान सौदे में रिश्वत लिए जाने के आरोपों की जांच करने को कहा है. यह सौदा वर्ष 2008 में ब्राजील के विमान निर्माता एम्ब्रेयर और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के बीच हुआ था. सरकारी सूत्रों के मुताबिक आरोप गंभीर प्रकृति के हैं इसलिए सीबीआई के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय को भी जांच करने को कहा गया है. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस हफ्ते की शुरुआत में कहा था, ‘अगर इसमें कोई आपराधिक पहलू है तो उसकी जांच सीबीआई करेगी. मंत्रालय तो इस तरह की जांच नहीं कर सकता है.’
उन्होंने कहा था, ‘अगर यह मसला केवल प्रक्रिया से जुड़ा है तो रक्षा मंत्रालय आतंरिक जांच कर सकता है.’ सप्रंग सरकार के कार्यकाल में एम्ब्रेयर के तीन विमानों के लिए हुआ समझौता अमेरिकी अधिकारियों की जांच के घेरे में है. अधिकारियों को संदेह है कि अनुबंध हासिल करने के लिए कंपनी की ओर से घूस दी गई थी. अमेरिका का न्याय विभाग संदेह के घेरे में आई कंपनी द्वारा रिश्वत देने के आरोपों की जांच कर रहा है.
डीआरडीओ ने ब्राजील की कंपनी से रिपोर्ट मांगी है. कंपनी का कहना है कि वह बीते पांच साल के रिश्वत के गंभीर आरोपों को देख रही है. यह समझौता साल 2008 में एईडब्ल्यू ऐंड सी (विमानों के लिए आरंभिक चेतावनी तथा नियंत्रण प्रणाली) के लिए स्वदेशी रडार से लैस तीन विमानों के लिए ब्राजील के विमान निर्माता एम्ब्रेयर और डीआरडीओ के बीच हुआ था.
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