AIIF का वित्त-पोषण कुछ दिन में शुरू हो जायेगा : अरुण जेटली
दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि 40,000 करोड़ रुपये का राष्ट्रीय निवेश एवं बुनियादी ढांचा कोष (एआईआईएफ) अगले कुछ दिनों में परियोजनाओं के लिए धन उपलब्ध कराने का काम शुरू करेगा. कई देशों के सरकारी संपत्ति कोषों ने एआईआईएफ में धन लगाने का वायदा किया है. जेटली यहां निजी सरकारी भागीदारी […]
दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि 40,000 करोड़ रुपये का राष्ट्रीय निवेश एवं बुनियादी ढांचा कोष (एआईआईएफ) अगले कुछ दिनों में परियोजनाओं के लिए धन उपलब्ध कराने का काम शुरू करेगा. कई देशों के सरकारी संपत्ति कोषों ने एआईआईएफ में धन लगाने का वायदा किया है. जेटली यहां निजी सरकारी भागीदारी (पीपीपी) और दीर्घकालीन परिपक्वता वाली बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं के वित्त पोषण पर ब्रिक्स देशों की संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘एनआईआईएफ परिचालन में आ गया है और अगले कुछ दिनों में ये अपनी बड़ी गतिविधियां शुरू करेगा.’
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में वाणिज्यिक रूप से व्यवहारिक नयी, पुरानी और अटकी पड़ी परियोजनाओं में निवेश के लिए 40,000 करोड़ रुपये के एनआईआईएफ का गठन किया. वित्त मंत्री ने कहा, ‘हम विभिन्न सरकारी कोष से प्रतिबद्धता का इंतजार कर रहे हैं. वे या तो इस मुख्य कोष में योगदानकर्ता बन सकते हैं या बुनियादी ढांचे के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े कोष में योगदान कर सकते हैं जो इस विशेष कोष (एनआईआईएफ) के तहत ही आ जाएंगे.
जेटली ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमारा मॉडल अभी खड़ा हो रहा है. हमें बड़ी मात्रा में बुनियादी ढांचा की जरुरत है और यह माडल अगले कई साल तक निवेश और आर्थिक गतिविधियों के लिहाज से अहम हो सकता है. इन गतिविधियों से आर्थिक वृद्धि उच्च स्तर पर रह सकती है. इस मॉडल को पूरी तरह से परिपूर्ण माडल बनाना है. आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि एनआईआईएफ के संदर्भ में कुछ चुनौतियां हैं और निवेशक सभी उद्देश्य के लिये गठित विभिन्न क्षेत्र के लिये एकल कोष के बजाए विशिष्ट, समर्पित, विभिन्न क्षेत्र के कोष में निवेश करने को इच्छुक हैं.
उन्होंने कहा, ‘परिणामस्वरुप सरकार को ढांचे को पुनर्गठित करना था और इसकी शुरुआत राजमार्ग क्षेत्र तथा स्वच्छ ऊर्जा कोष नाम से क्षेत्र के लिये विशेष कोष से हुई है.’ शक्तिकांत दास ने कहा, ‘इसीलिए दो अलग कोष होंगे जो स्वच्छ ऊर्जा कोष और सड़क कोष है. स्वच्छ ऊर्जा कोष का मुख्य रूप से अक्षय ऊर्जा पर जोर है वहीं सड़क कोष के तहत सड़क परियोजनाओं पर जोर दिया जाएगा. ये दो कोष जिसका गठन हम कर रहे हैं.’
देश के सरकारी कोष में भागीदारी को लेकर गंभीर निवेशकों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ‘हमने अबू धाबी इवेस्टमेंट आथोरिटी (एडीआईए), कतर इनवेस्टमेंट आथोरिटी तथा रसनानो के साथ सहमति पत्र पर दस्तखत किये. हमारी ब्रिटेन तथा अमेरिका के वित्त विभाग के साथ भी सहमति बनी है.’
दास ने कहा, ‘दो-तीन प्रस्ताव हैं और सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गये हैं. निवेश को लेकर काफी रुचि है. गतिविधियां शुरू होने के मामले में यह कुछ सप्ताह या एक-दो महीनों की बात है.’ उन्होंने यह भी कहा कि बड़े निवेश की विशेष उद्देश्य से बनाये गये कोष में रुचि है और बहुपक्षीय संस्थानों तथा अन्य ने कोष के कोष में काफी रुचि दिखाई है.
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