नयी दिल्ली : मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के 2017 की शुरुआत के लिये तय पांच प्रतिशत के लक्ष्य से कम रह सकती है, इससे ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश है. एचएसबीसी की एक रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि नयी फसल की आवक होने से मुद्रास्फीति में गिरावट का सिलसिला जारी रहेगा. जनवरी-मार्च 2017 तिमाही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति घटकर 4.5 प्रतिशत से नीचे आ सकती है. इसके अलावा सब्जियों के दाम भी घटेंगे तथा दलहन के ऊंचे उत्पादन से मुद्रास्फीति में 0.4 प्रतिशत की और कमी आ सकती है.
एचएसबीसी ने कहा, ‘रिजर्व बैंक के दो लक्ष्य हैं. 2017 की शुरुआत में पांच प्रतिशत के मुद्रास्फीति लक्ष्य पर पहुंचना तथा वास्तविक दर डेढ से दो प्रतिशत के दायरे में रखना. इन दोनों चीजों से ब्याज दरों में 0.5 प्रतिशत की और कटौती हो सकती है. एचएसबीसी का अनुमान है कि दिसंबर और फरवरी की मौद्रिक समीक्षा बैठकों में नीतिगत दर में चौथाई-चौथाई फीसद की और कटौती होगी. रिजर्व बैंक की अगली मौद्रिक समीक्षा बैठक 4 अक्तूबर को होनी है. नये गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई में यह पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक होगी.
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