कालाधन घोषणा योजना : मोदी की योजना से देश के खाते में आयेंगे 30 हजार करोड़ रुपये

नयी दिल्ली : देश के भीतर रखे कालेधन को बाहर निकालने के लिएशुरू की गयी आय घोषणा योजना :आइडीएस: के तहत सरकार को 30,000 करोड़ रुपये का कर मिलने की उम्मीद है. इसमें से 50 प्रतिशत राशि इसी वित्त वर्ष में सरकारी खजाने में आ जायेगी.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कीकालाधन के खिलाफयहएक अहम योजना है. शुरुआती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2016 8:19 PM

नयी दिल्ली : देश के भीतर रखे कालेधन को बाहर निकालने के लिएशुरू की गयी आय घोषणा योजना :आइडीएस: के तहत सरकार को 30,000 करोड़ रुपये का कर मिलने की उम्मीद है. इसमें से 50 प्रतिशत राशि इसी वित्त वर्ष में सरकारी खजाने में आ जायेगी.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कीकालाधन के खिलाफयहएक अहम योजना है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक इस एकबारगी आय घोषणा योजना के तहत कुल 65,250 करोड़रुपये की अघोषित संपत्ति का खुलासा किया गया. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की चेयरपर्सन रानी सिंह नायर ने पीटीआइ-भाषा से कहा कि कर राजस्व के इस आंकड़े का अनुमान 45 प्रतिशत की मौजूदा दर के मुताबिक लगाया गया है. फिर भी अंतिम आंकड़े के लिए अभी प्रतीक्षा करनी होगी. कुछ घोषणाओं का अभी नये सिरे से संयोजन और उनका मिलान किया जा रहा है.

सीबीडीटी प्रमुख ने कहा, ‘‘हमें आइडीएस के तहत 30,000 करोड़ रुपये का कर मिलने की उम्मीद है. इस राशि का 50 प्रतिशत इसी वित्त वर्ष में आयेगा. शेष अगले साल सितंबर तक मिलेगा. योजना के तहत कर और जुर्माने का भुगतान किस्तों में होगा. इसकी अंतिम किस्त अगले साल सितंबर में भुगतान की जायेगी.’ वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चार माह के खुली योजना की समाप्ति पर आज बताया कि योजना के तहत कुल 64,275 घोषणाएं हुई जिसमें 65,250 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का खुलासा किया गया है. योजना कल आधी रात को समाप्त हो गयी.

कदाताओं का नहीं होगा उत्पीड़न

सीबीडीटी चेयरपर्सन ने कहा, ‘‘अब जबकि एकबारगी सुविधा खिड़की बंद हो चुकी है आयकर विभाग करदाताओं की अधिक जांच पड़ताल और उनका उत्पीड़न नहीं करेगा लेकिन कर चोरी का कोई मामला है तो कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी.’ उन्होंने कहा कि आयकर विभाग और सीबीडीटी योजना के परिणाम को लेकर खुशहैं और इसको लेकर ‘‘गर्व होना चाहिए.’ नायर ने कहा, ‘‘आइडीएस के परिणाम को लेकर हम संतुष्ट हैं और आंकड़ों को अंतिमरूप देने में लगे हैं. इसके बाद जो घोषणा हुई है उसके अंतिम आंकड़े और उनका मूल्य सामने आयेगा.’ उन्होंने कहा कि ऑनलाइन और दस्तावेजी काउंटर दोनों ही आधी रात तक खुले थे. उनका ‘डिजिटल सत्यापन’ जारी है. सीबीडीटी चेयरपर्सन ने कहा कि आयकर विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों ने काफी मेहनत की है और देशभर में यह काम हुआ है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘विभाग ने योजना के तहत देशभर में विभिन्न शहरों में 50,000 से अधिक बैठकें की हैं.’

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