रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 6.25 प्रतिशत की, छह साल में ब्याज दर न्यूनतम
मुंबई : रिजर्व बैंक के नये गवर्नर उर्जित पटेल ने अाज अपनी पहली मौद्रिक समीक्षा में केंद्रीय बैंक के ब्याज दरों में चौथाई प्रतिशत (25 बेसिस प्वाइंट) की कटौती की है. रेपो रेट अब 6.25हो गया, जो पहले साढ़े छह प्रतिशत था.रेपो रेट का पिछले छह वर्षों में यह न्यूनतम दर है. अब रिवर्स रेपो […]
मुंबई : रिजर्व बैंक के नये गवर्नर उर्जित पटेल ने अाज अपनी पहली मौद्रिक समीक्षा में केंद्रीय बैंक के ब्याज दरों में चौथाई प्रतिशत (25 बेसिस प्वाइंट) की कटौती की है. रेपो रेट अब 6.25हो गया, जो पहले साढ़े छह प्रतिशत था.रेपो रेट का पिछले छह वर्षों में यह न्यूनतम दर है. अब रिवर्स रेपो रेट की दर 5.75 प्रतिशत हो गयी. रेपो रेट में इससे पहले चौथाई फीसदी की कटौती इस साल अप्रैल की मौद्रिक समीक्षा में तत्कालीन गवर्नर रघुराम राजन ने की थी. रेपो रेट में की गयी आज की कटौती से बाजार को बड़ा सपोर्ट मिलने की उम्मीद है.
मौद्रिक समीक्षा समिति के सभी सदस्यों ने एक स्वर में रेट कट के पक्ष में मत दिया. रिजर्व बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति मार्च 2017 तक 5.0 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है. हालांकि इसके इससे ऊंचे रहने का भी जोखिमकायमहै. आबीआइ ने चालू वित्तीय वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को 7.6 प्रतिशत पर ही बरकरार रखा. रिजर्व बैंक ने आज रघुरामराजनकीकठोर मौद्रिक नीति से उलट नरम मौद्रिकनीतिका रुख अख्तियार किया है.
इस बार की कटौती का लाभ आमलोगों को मिलने की भी उम्मीद है. समझा जाता है कि अब बैंक भी अपने ब्याज दर में कमी करेंगे और ग्राहकों पर इएमआइ का बोझ कम होगा. इस कटौती से पूर्व 2015 से रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में डेढ़ प्रतिशत की कटौती की थी, जिसमें मात्र औसतन आधा प्रतिशत कटौती का लाभ ही ग्राहकों को बैंकों ने ट्रांसफर किया. इस बात को लेकर रिजर्व बैंक ने कई बार नाराजगी भी जतायी थी.
आज पहली बार मौद्रिक समीक्षा एक कमेटी के द्वारा की गयी, जिसमें रिजर्व बैंक के तीन प्रतिनिधि और सरकार के द्वारा नियुक्त उनके तीन प्रतिनिधि शामिल हैं.
मौद्रिक समीक्षा की बड़ी बातें
रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर इसे 6.25 प्रतिशत किया.
मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने नीतिगत ब्याज दर में कटौती के पक्ष में मत दिये.
खुदरा मुद्रास्फीति मार्च 2017 तक 5.0 प्रतिशत रहने का अनुमान, इसके इससे ऊंचे रहने का भी जोखिम.
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को 7.6 प्रतिशत पर बरकरार रखा.
एमपीसी (मौद्रिक नीति समीक्षा समिति) का निर्णय नरम मौद्रिक नीति के रुख के अनुरूप है.
लघु बचत योजनाओं की दरोंमें कटौती से बैंक कर्ज सस्ता करने को प्रोत्साहित होंगे.
रिजर्व बैंक सरकार के साथ विचार-विमर्श करके स्टार्ट-अप कंपनियों को हर साल तीस लाख डाॅलर तक विदेशी वाणिज्यिककर्ज जुटाने की छूट देगा.
नोटों-सिक्कों के लाने-ले जाने के दौरान सुरक्षा मजबूत बनाने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित होगी.
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