आय घोषणा योजना पूरी करेगी स्पेक्ट्रम नीलामी की कमी : जेटली
नयी दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि दूरसंचार स्पेक्ट्रम की बिक्री की नीलामी में कमी की भरपाई करने में आय घोषण योजना (आईडीएस) से प्राप्त राजस्व से मदद मिलेगी और और यह राजकोषीय स्थिति के प्रबंधन में मददगार होगी. घरेलू कालेधन निकालने के लिए लायी गयी चार माह की आईडीएस 30 सितंबर […]
नयी दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि दूरसंचार स्पेक्ट्रम की बिक्री की नीलामी में कमी की भरपाई करने में आय घोषण योजना (आईडीएस) से प्राप्त राजस्व से मदद मिलेगी और और यह राजकोषीय स्थिति के प्रबंधन में मददगार होगी. घरेलू कालेधन निकालने के लिए लायी गयी चार माह की आईडीएस 30 सितंबर को पूरी हो गयी जिसमें घोषित धन पर सरकार को करीब 30 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है. जेटली ने सीएनबीसी टीवी18 से कहा,‘मुझे पूरा भरोसा है कि वित्तीय स्थिति का प्रबंधन अंतत: कठिन नहीं होगा. किसी भी स्थिति में, इस साल या अगले साल आईडीएस के तहत मिली कर राशि किसी भी तरह की भरपाई के लिए अच्छी खासी रकम होगी.’
जेटली ने हाल ही में संपन्न स्पेक्ट्रम नीलामी के बारे में कहा कि स्पेक्ट्रम की एक श्रेणी 700 मेगाहर्ट्ज बैंड को कोई खरीद नहीं मिला लेकिन अन्य फ्रीक्वेंसी के स्पेक्ट्रम की बिक्री सबसे अधिक रही. आईडीएस में 65,250 करोड़ रुपये की अघोषित आय की घोषणा की गई जिससे सरकार को करों आदि मद में 29,362 करोड़ रुपये मिलेंगे. वहीं देश की अपनी तरह की सबसे बड़ी दूरसंचार स्पेक्ट्रम नीलामी पिछले सप्ताह समाप्त हुई. इसमें सरकार को सिर्फ 65,789 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं जबकि संभावना 5.6 लाख करोड़ रुपये की थी.
स्पेक्ट्रम नीलामी के मद में सरकार को मौजूदा वित्त वर्ष में 37000 करोड़ रुपये मिलेंगे. जेटली ने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने बीते ढाई साल में काले धन पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाए हैं तथा सत्ता में आने के बाद इसने पहला जो काम किया वह विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करना था. उन्होंने कहा कि सरकार का हर फैसले का लक्ष्य भारत को कर अनुपालक राष्ट्र बनाना है. मंत्री ने कहा, ‘अगर हमें गरीबी मिटानी है तो लोगों के लिए करों का भुगतान जरुरी है. अगर ग्रामीण भारत का विकास करना है तो करों का भुगतान जरुरी है. ये सब सकारात्मक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए हैं.’
जेटली ने कहा कि जो व्यक्ति कर चोरी कर रहा है वह अपने राष्ट्रीय कर्तव्य को नहीं निभा रहा. उन्होंने कहा कि वस्तु व सेवा कर एक तरह से लोगों को ज्यादा से ज्यादा कर अनुपालक बनने को प्रोत्साहित करेगी. जीएसटी के कार्यान्वयन की तय तारीख एक अप्रैल 2017 है. उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक 18-20 अक्तूबर को होगी जिसमें ‘संभावित कर दरों व बैंड पर चर्चा होगी.’ मंत्री ने कहा कि जहां तक राजकोषीय जवाबदेही व बजटी प्रबंधन (एफआरबीएम) का सवाल है तो समिति पहले ही काम कर रही है. ‘इस साल मुझे (राजकोषीय घाटे को जीडीपी के) 3.5 प्रतिशत तक सीमित रखने के लक्ष्य की प्राप्ति की उम्मीद है और हम इस लक्ष्य पर कायम रहेंगे.
भविष्य में क्या होगा, हम रिपोर्ट देखेंगे. वे लोग देख रहे हैं कि दुनिया के अन्य देशों में सबसे अच्छी पद्धतियां क्या हैं. उसके आधार पर वे कुछ सिफारिशें करेंगे. ‘जेटली ने उम्मीद जताई कि विनिवेश मद से मिलने वाली राशि इस साल ‘इतिहास में सबसे अधिक’ रहेगी. बैंक की गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के सवाल पर उन्होंने कहा कि बैंकों ने एनपीए को चिन्हित किया, सरकार व संसद ने कानूनों में संशोधन किया, भारतीय रिजर्व बैंक ने भी नीतियों में बदलाव किया ताकि प्रबंधन और यहां तक कि कंपनियों के स्वामित्व को हस्तांतरित किया जा सके.
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