इस छमाही 50,000 करोड़ रुपये के रक्षा अनुबंधों पर हस्ताक्षर की उम्मीद : पार्रिकर
मुंबई : रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने आज कहा कि वह चालू वित्त वर्ष की शेष तिमाही में 50,000 से 60,000 करोड़ रुपये के और रक्षा अनुबंधों पर हस्ताक्षर की उम्मीद कर रहे हैं. इससे उनके कार्यभार संभालने के बाद इस क्षेत्र में जारी जारी कुल आर्डर 3,000 अरब रुपये का हो जाएगा. नवी मुंबई […]
मुंबई : रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने आज कहा कि वह चालू वित्त वर्ष की शेष तिमाही में 50,000 से 60,000 करोड़ रुपये के और रक्षा अनुबंधों पर हस्ताक्षर की उम्मीद कर रहे हैं. इससे उनके कार्यभार संभालने के बाद इस क्षेत्र में जारी जारी कुल आर्डर 3,000 अरब रुपये का हो जाएगा. नवी मुंबई में प्रौद्योगिकी एवं पदार्थ विज्ञान पर उद्योग प्रदर्शनी के दौरान संवाददाताओं से अलग से बातचीत में पार्रिकर ने कहा, ‘पिछले 23 महीनों से मेरे पास प्रभार है और इस दौरान हमने 2200 अरब रुपये मूल्य के अनुबंध पर दस्तखत किये. हाल ही में हमने सरकारी कंपनी शिपयार्ड के साथ 32,000 करोड़ रुपये के अनुबंध को लेकर आशय पत्र पर हस्ताक्षर किये. इससे कुल आर्डर 2500 अरब रुपये का हो गया है.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि अगले छह महीने में 50,000 से 60,000 करोड़ रुपये मूल्य के अनुबंध पर और हस्ताक्षर किये जाएंगे. इससे कुल अनुबंधों का मूल्य 3,000 अरब रुपये हो जाएगा.’ मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने अगस्त में नौसेना के लिये जहाज के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. करीब 32,000 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना गोवा शिपयार्ड को मिली है.
रक्षा क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी से विनिर्माण को मिलने वाली गति से जुड़े प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि निर्यात छह गुना से अधिक बढकर 3,000 करोड़ रुपये का हो गया जो पिछले दो साल में 500 करोड़ रुपये था. रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मेक इन इंडिया अभियान से रक्षा निर्यात 500 करोड़ रुपये से बढकर 3,000 करोड़ रुपये का हो गया है. हालांकि मंत्रालय के आंकडा केवल 2,100 करोड़ रुपये बताएगा. इसका एक कारण यह है कि विमानन क्षेत्र का सामान इसमें शामिल नहीं है क्योंकि यह अब लाइसेंस मुक्त है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.