मुंबई : रिलायंस इंड्रस्टी के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने कहा कि उनका टेलीकॉम उपक्रम ‘जियो’ कोई जुआ नहीं है बल्कि व्यापार के लिए सोच विचार के बाद लिया गया फैसला है. उन्होंने ‘इंटरकनेक्टिविटी’ की समस्या को किसी मेधावी छात्र की ‘रैगिंग’ किये जाने के समान बताया. वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता और बरखा दत्ता के स्वामित्व वाले डिजिटल मीडिया संगठन ‘द प्रिंट’ द्वारा आयोजित ‘ऑफ द कफ’ में अंबानी ने कहा कि यह कोई जुआ नहीं है. यह एक सोचा समझा, अच्छी तरह तैयार किया गया ‘पारिस्थितिकी तंत्र’ है. इसमें 2,50,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. वह नये उद्यम में 1.5 ट्रिलियन रुपये के निवेश के ‘जोखिम’ के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे.
जियो से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के बारे में उन्होंने कहा कि हां, उनके सामने मुसीबतें थीं. उन्होंने इसकी तुलना किसी प्रतिभाशाली छात्र के अपनी मेधा के सहारे प्रतिष्ठित संस्थान में दाखिला लेने लेकिन मेधावी होने के कारण छात्रावास में रैगिंग का शिकार होने से की.
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