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घाटमपुर विद्युत संयंत्र की पहली इकाई 2020 तक चालू होने की उम्मीद : गोयल

कानपुर : केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि घाटमपुर विद्युत संयंत्र की पहली इकाई से दिसंबर 2020 तक बिजली उत्पादन शुरू हो जाने की उम्मीद है. इस विद्युत संयंत्र से उत्पादित बिजली में से 75 प्रतिशत बिजली उत्तर प्रदेश को देने की योजना है. गोयल ने कहा अगर उत्तर प्रदेश सरकार केंद्र […]

कानपुर : केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि घाटमपुर विद्युत संयंत्र की पहली इकाई से दिसंबर 2020 तक बिजली उत्पादन शुरू हो जाने की उम्मीद है. इस विद्युत संयंत्र से उत्पादित बिजली में से 75 प्रतिशत बिजली उत्तर प्रदेश को देने की योजना है. गोयल ने कहा अगर उत्तर प्रदेश सरकार केंद्र से आग्रह करती है तो केंद्र इस बिजली संयंत्र से उत्पादित 100 प्रतिशत बिजली प्रदेश को देने को तैयार है ताकि उत्तर प्रदेश बिजली की समस्या को दूर किया जा सके और जनता को राहत मिल सके. उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2019 तक देश के करीब करीब सभी गांवो तक केंद्र सरकार बिजली पहुंचा देगी, इस दिशा में तेजी से प्रयास हो रहे हैं.

कानपुर से करीब 70 किलोमीटर दूर घाटमपुर में आज दोपहर गोयल ने 1980 मेगावाट के पावर प्लांट का भूमि पूजन किया. न्यूनतम प्रदूषण और नवीनतम प्रौदयोगिकी के साथ पर्यावरण अनुकूल इस पावर प्लांट की अनुमानित लागत करीब 17 हजार 237 करोड़ रुपये आयेगी. यह संयंत्र नेयेवली उत्तर प्रदेश पावर लिमिटेड, एनएलसी इंडिया लिमिटेड तथा उत्तर प्रदेश राज्य विदयुत उत्पादन निगम लिमिटेड (यूपीआरयूवीएनएल) का एक संयुक्त उपक्रम है. वैसे इस परियोजना का शिलान्यास जून 2012 में तत्कालीन कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कर चुके है. लेकिन केंद्र में यूपीए सरकार चले जाने के बाद इस परियोजना पर काम नही हुआ.

कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुये गोयल ने कहा कि जब से केंद्र में एनडीए की सरकार आई है तब से गांवो तक बिजली पहुंचाने का काम जोर शोर से चल रहा है और पिछले दो साल में करीब 1300 गांवो तक बिजली पहुंचा दी गयी है. उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते है कि वर्ष 2019 तक देश का कोई भी गांव बिजली से अछूता नही रह जायेंगा.’ इसके लिये उन्होंने उत्तर प्रदेश समेत सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वह देश के हर गांव तक बिजली पहुंचाने में केंद्र सरकार की मदद करें.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के करीब एक करोड़ 80 लाख घरों में अभी तक बिजली नही पहुंची है. उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पहले यूपीए सरकार में 2009 से 2014 तक केवल 70 गांवो में बिजली पहुंची थी. उन्होंने कहा कि इस पावर प्लांट का शिलान्यास तो 2012 में हो गया था लेकिन किसानों से जमीन अधिग्रहण का काम पूरा न हो पाने के कारण काम आगे न बढ पाया. वर्ष 2014 में एनडीए की सरकार के सत्ता में आने के बाद परियोजना पर काम आगे बढाया गया.

केंद्र सरकार ने इस परियोजना का काम को अपने हाथ में लिया है और आज भूमि पूजन के बाद इस विद्युत संयंत्र का काम शुरू हो जायेगा. इस 1980 मेगावाट के संयंत्र की पहली इकाई 2020 तक काम शुरू कर देगी. इसके लिये अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि वह तेजी से काम करें और पिछले सात साल से काम की जो गति धीमी पड़ गयी थी उसे जल्द से जल्द पूरा करें ताकि उत्तर प्रदेश के लोगो को बिजली की कमी न झेलना पड़े. कार्यक्रम में कानपुर से भाजपा के सांसद मुरली मनोहर जोशी और अकबरपुर के सांसद देवेंद्र सिंह भोले भी मौजूद थे.

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