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99.5 प्रतिशत डेविट कार्ड सुरक्षित, लोग डरें नहीं : वित्त मंत्रालय

वित्तमंत्रालय ने बैंकों से इस संबंध में विस्तृत ब्यौरा मांगा हैएक खास समय में कुछ खास एटीएम से डेटा चोरी किये गये हैं नयी दिल्ली : विभिन्न बैंकों के डेविट कार्ड की डेटा की सुरक्षा पर उठे सवाल के बीच वित्त मंत्रालय ने कहा है किडेविटकार्ड पूर्णत: सुरक्षित हैं.मंत्रालय ने कहा कि32लाख डेविट कार्ड की […]


वित्तमंत्रालय ने बैंकों से इस संबंध में विस्तृत ब्यौरा मांगा है
एक खास समय में कुछ खास एटीएम से डेटा चोरी किये गये हैं

नयी दिल्ली : विभिन्न बैंकों के डेविट कार्ड की डेटा की सुरक्षा पर उठे सवाल के बीच वित्त मंत्रालय ने कहा है किडेविटकार्ड पूर्णत: सुरक्षित हैं.मंत्रालय ने कहा कि32लाख डेविट कार्ड की डाटाकीसुरक्षा पर संदेहके बावजूद लोगों को अत्यधिक भयभीत होने की जरूरत नहीं है. मंत्रालय ने भरोसा दिलाया कि 99.5 प्रतिशत डेविट कार्ड पूर्णत: सुरक्षित हैं, केवल 0.5 प्रतिशत डेविट कार्डों की सुरक्षा पर संदेह है. वित्तमंत्रालय के वित्तीय मामलों के अतिरिक्त सचिव जीसी मुर्मू ने यह बात कही.

उल्लेखनीय है कि भारत में करीब 60 करोड़ डेविट कार्ड हैं. इसमें 19 करोड़ रुपये कार्ड हैं, जबकि शेष विजा एवं मास्टर कार्ड हैं.

उन्होंने कहा कि एक सीमित समय के अंदर कुछ मशीनों से सीमित मात्रा में डेटा चोरी की गयी है. ऐसे में बैंकों ने अपने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे अपना पीन नंबर बदल लें. कुछ बैंकों ने अपने ग्राहकों को सलाह दी कि वे अपना पिन नंबर नहीं बदलते हैं, तो उनका एटीएम कार्ड ब्लॉक कर दिया जायेगा.

वित्त मंत्रालय ने डेबिट कार्डों की सुरक्षा में सेंध पर बैंकों से जानकारी मांगी

विभिन्न बैंकों के 32 लाख से ज्यादा डेबिट कार्डों की सुरक्षा में आनलाइन सेंधमारी पर चिंता करते हुए वित्त मंत्रालय ने बैंकों से इस संबंध में जानकारी मांगी है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने के लिए कहा है.

मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार वित्तीय सेवा विभाग ने भारतीय बैंक संघ से इस तरह के डेटा के जोखिम में पड़ने के प्रभाव की जानकारी मांगी है.

सूत्रों ने बताया, ‘‘हमें भारतीय स्टेट बैंक से जानकारी मिली है कि कुछ डेबिट कार्डों के पिन (निजी पहचान संख्या) दूसरों के हाथ लग गए हैं और बैंक इन्हें सुरक्षित तरीके से नए कार्डों से बदल रहा है.’ सूत्रों ने बताया कि बैंक ने डेटा की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं.

स्टेट बैंक ने एक बयान में कहा कि कार्ड नेटवर्क कंपनी एनपीसीआइ, मास्टर कार्ड और वीजा ने विभिन्न बैंकों को सूचित किया है कि कुछकार्डों का डेटा चोरी हो सकता है. इसके चलते हमने सुरक्षात्मक कदम उठाए हैं और नेटवर्क कंपनियों द्वारा पहचान किए गए कुछ कार्डों को बंद भी किया है.

बैकों ने मंगवाए थे 32 लाख से अधिक डेबिट कार्ड

विभिन्न बैंकों ने अपने ग्राहकों के 32 लाख से अधिक डेबिट कार्ड या तो ब्लाक कर दिए हैं या वापस मंगवाए हैं ताकि उन्हें किसी वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार होने से बचाया जा सके. बैंकों ने यह कदम एक निजी बैंक के एटीएम नेटवर्क का प्रबंध करने वाली भुगतान सेवा प्रदाता फर्म के यहां डेटा मेंबड़ी सुरक्षा चूक को देखते हुए यह कदम उठाया है.

एसबीआइ जैसे कई बैंकों ने लगभग छह लाख कार्ड वापस मंगवाए हैं. वहीं बैंक आफ बड़ौदा, आइडीबीआइ बैंक, सेंट्रल बैंक व आंध्रा बैंक ने एहतियाती कदम केेरूप में डेबिट कार्ड बदले हैं.

इसी तरह आइसीआइसीआइ बैंक, एचडीएफसी बैंक व यस बैंक जैसे बैंकों ने अपने ग्राहकों से एटीएम पिन बदलने को कहा है. एचडीएफसी बैंक ने भी अपने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे किसी भी लेनदेन के लिए केवल अपना एटीएम कार्ड इस्तेमाल करें.

यह सुरक्षा चूक हिताची पेमेंट्स सर्विसेज की प्रणाली में एक मालवेयर के जरिए हुई है. यह कंपनी यस बैंक को सेवा देती है. हिताची पेमेंट्स एटीएम सर्विसेज, प्वाइंट आफ सेल सर्विसेज, इमर्जिंग पेमेंट्स सर्विसेज आदि के जरिए सेवाएं देती है.

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