दिसंबर के तिमाही नतीजे,वृहद आर्थिक आंकड़े तय करेंगे बाजार की दिशा

नयी दिल्ली : कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजे, वृहद आर्थिक आंकड़े व विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निवेश का रुख इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेगा. विशेषज्ञों ने यह बात कही है. शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद अमेरिका के रोजगार के आंकड़े व केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) का 2013-14 के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2014 11:25 AM

नयी दिल्ली : कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजे, वृहद आर्थिक आंकड़े व विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निवेश का रुख इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेगा. विशेषज्ञों ने यह बात कही है. शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद अमेरिका के रोजगार के आंकड़े व केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) का 2013-14 के लिए वृद्धि का अग्रिम अनुमान जारी किया गया. विशेषज्ञों का कहना है कि इस वजह से सोमवार को बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.

बोनान्जा पोर्टफोलियो के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश गोयल ने कहा, ‘‘बाजार पर अमेरिकी रोजगार के आंकड़ों व जीडीपी की वृद्धि दर के अनुमान का असर दिखेगा.’’ सीएसओ ने अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत रहेगी. यह वित्त मंत्रालय के 5 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान से मामूली कम है. अमेरिका में गैर कृषि रोजगार 1,13,000 बढ़ा है जो अनुमान से कम है. वहां बेरोजगारी की दर पांच साल के निचले स्तर 6.6 फीसद पर पहुंच गई. इन आंकड़ों का असर एशियाई बाजारों पर दिखाई देगा. एसएमसी इन्वेस्टमेंट एंड एडवाइजर्स के सौरभ जैन ने कहा, ‘‘बाजार में चूंकि अमेरिकी प्रोत्साहन में कटौती व चीन में सुस्ती को लेकर चिंता है. इसके अलावा अन्य घरेलू कारक भी हैं. ऐसे में बाजार भागीदारों को सुरक्षित खेलने की सलाह दी जाती है.’’

स्थानीय स्तर पर जनवरी माह के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़े बुधवार को जारी किए जाएंगे. दिसंबर माह के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े भी उसी दिन आएंगे. थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़े शुक्रवार को जारी होंगे. कारोबारियों का कहना है कि मुद्रास्फीति में किसी तरह की कमी से ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बनेगी.रघुराम राजन ने पिछले साल सितंबर में केंद्रीय बैंक के गवर्नर का पद संभालने के बाद चार में से तीन मौद्रिक समीक्षाओं में नीतिगत ब्याज दरों में कुल 0.75 फीसद की बढ़ोतरी की है. उन्होंने महंगाई को चिंता की प्रमुख वजह बताया है. हालांकि, राजन ने पिछले महीने कहा था कि यदि मुद्रास्फीति संतोषजनक स्तर पर आती है तो इससे रिजर्व बैंक को नीतिगत मोर्चे पर अधिक गुंजाइश मिलेगी.

इस सप्ताह टाटा मोटर्स, जयप्रकाश एसोसिएट्स, टाटा स्टील, डॉ रेड्डीज लैब, सिप्ला, कोल इंडिया, ओएनजीसी, सनफार्मा, हिंडाल्को, डीएलएफ व महिंद्रा एवं महिंद्रा जैसी कंपनियों के नतीजे आने हैं. बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 137 अंक के नुकसान के साथ 20,376.56 अंक पर आ गया. यदि कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद के अनुरुप आते हैं तो बाजार में मजबूती आ सकती है. वैश्विक चिंताओं की वजह से शेयर बाजारों में एफआईआई के निवेश का प्रवाह प्रभावित हुआ है. चालू महीने के पहले सप्ताह में एफआईआई ने करीब 1,700 करोड़ रुपये की निकासी की है.

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