अब एलपीजी रिटेलिंग क्षेत्र में उतरी रिलायंस इंडस्टरीज
नयी दिल्ली : दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी परिसर की परिचालक रिलायंस इंडस्टरीज रसोई गैस की खुदरा बिक्री के क्षेत्र में उतर गई है. कंपनी ने पायलट आधार पर 4 किलोग्राम का एलपीजी सिलेंडर पेश किया है. रिलायंस इंडस्टरीज ने दूसरी तिमाही के नतीजों की घोषणा के समय निवेशकों के समक्ष प्रस्तुतीकरण में कहा, […]
नयी दिल्ली : दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी परिसर की परिचालक रिलायंस इंडस्टरीज रसोई गैस की खुदरा बिक्री के क्षेत्र में उतर गई है. कंपनी ने पायलट आधार पर 4 किलोग्राम का एलपीजी सिलेंडर पेश किया है. रिलायंस इंडस्टरीज ने दूसरी तिमाही के नतीजों की घोषणा के समय निवेशकों के समक्ष प्रस्तुतीकरण में कहा, ‘चार किलोग्राम का एलपीजी सिलेंडर पायलट आधार पर चार जिलों में पेश किया गया है.’ एलपीजी की खपत 10 प्रतिशत की दर से बढ रही है.
निजी क्षेत्र की रिफाइनरी कंपनियां रिलायंस इंडस्टरीज और एस्सार आयल इसमें अपनी हिस्सेदारी पाना चाहती हैं. फिलहाल सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां इंडियन आयल, भारत पेट्रोलियम तथा हिंदुस्तान पेट्रोलियम की एलपीजी के खुदरा बाजार पर कब्जा है. ये कंपनियां 5 किलोग्राम, 14.2 किलोग्राम तथा 19 किलोग्राम का सिलेंडर बेचती हैं. उपभोक्ताओं को एक साल में 14.2 किलोग्राम के 12 रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी वाले मूल्य पर मिलते हैं. इससे अधिक सिलेंडर के लिए उन्हें बाजार कीमत चुकानी होती है.
19 किलोग्राम का सिलेंडर व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए होता है. निजी कंपनियों को सरकार से सब्सिडी नहीं मिलती है. लेकिन सरकार द्वारा सब्सिडी में कमी करने तथा 10 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय वालों के लिए एलपीजी सब्सिडी बंद करने से इन निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए बाजार बन गया है. रिलायंस ने अपने चार किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर के दाम के बारे में नहीं बताया है.
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