टाटा ग्रुप के फैसले के खिलाफ कोर्ट जायेंगे साइरस मिस्त्री
मुंबई : भारतीय उद्योग जगत में आज एक अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत देश के सबसे बडे औद्योगिक घरानों में से एक टाटा संस ने साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया. उनके स्थान पर पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. इस बीच फैसले के खिलाफ साइरस मिस्त्री ने बॉम्बे हाईकोर्ट […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
October 24, 2016 10:16 PM
मुंबई : भारतीय उद्योग जगत में आज एक अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत देश के सबसे बडे औद्योगिक घरानों में से एक टाटा संस ने साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया. उनके स्थान पर पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. इस बीच फैसले के खिलाफ साइरस मिस्त्री ने बॉम्बे हाईकोर्ट जाने का फैसला लिया है.
टाटा संस ने नए चेयरमैन की खोज के लिए पांच सदस्यों वाली एक समिति का गठन किया है. इसके लिए उसे चार महीने का समय दिया गया है. मिस्त्री को हटाने का निर्णय यहां टाटा संस के निदेशक मंडल की बैठक के बाद किया गया. अडतालीस वर्षीय मिस्त्री की जगह 78 वर्षीय रतन टाटा को कंपनी के अंतरिम चेयरमैन पद की जिम्मेदारी दी गई है
समझा जा रहा है कि मिस्त्री परिवार की कंपनी शापूरजी पालोनजी समूह टाटा संस के इस ‘अवैध’ निर्णय को चुनौती देने का विचार कर रही है. टाटा संस में शापूरजी पालोनजी समूह की 18.4 प्रतिशत हिस्सेदारी है और वह इस समूह में अकेली सबसे बडी हिस्सेदार कंपनी है. रतन टाटा ने कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में कहा है कि उन्होंने ‘समूह में स्थिरता और भरोसे को बनाए रखने के लिए अंतरित चेयरमैन की जिम्मेदारी स्वीकार कर ली है.’ मिस्त्री को हटाने का फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.
स्थिरता बनाए रखने के लिए फिर चेयरमैन पद संभालने को तैयार हूं
रतन टाटा ने कंपनी के कर्मचारियों को लिखा है कि समूह की स्थिरता और उसमें वापस यकीन बढाने के लिए वह अंतरिम चेयरमैन की जिम्मेदारी निभाने को तैयार हुए हैं. पत्र में 78 वर्षीय टाटा ने कहा कि टाटा संस के निदेशक मंडल ने आज एक बैठक में मिस्त्री को तत्काल प्रभाव से चेयरमैन पद से हटा दिया है.
उन्होंने कहा, ‘‘एक नई प्रबंधकीय व्यवस्था की गई है और टाटा संस के नए चेयरमैन की पहचान करने के लिए एक समिति का भी गठन किया गया है.’ वर्ष 2012 में 29 दिसंबर को टाटा संस के चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त हो जाने के बाद समूह के मानद चेयरमैन टाटा ने कहा, ‘‘समिति को इस काम के लिए चार महीने का समय दिया गया है.
इस दौरान निदेशक मंडल ने मुझसे कंपनी के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए कहा है और मैं टाटा समूह की स्थिरता एवं उसमें उसके प्रति विश्वास को बनाए रखने के लिए यह जिम्मेदारी उठाने को तैयार हूं.’ टाटा इससे पहले 1991 से 2012 तक कंपनी के 21 साल तक चेयरमैन रहे हैं.
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