मिस्त्री को हटाने के खिलाफ कानूनी कारवाई पर निर्णय नहीं
नयीदिल्ली : साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के चेयरमैन पद से अचानक हटाये जाने के एक दिन बाद शापूरजी पलोंजी ने कहा है कि वह ‘‘विभिन्न परिस्थितियों’ को लेकर अध्ययन कर रही है और फिलहाल इस फैसले के खिलाफ कानूनी कारवाई के बारे में उसने कोई निर्णय नहीं लिया है. टाटा संस के बोर्ड में […]
नयीदिल्ली : साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के चेयरमैन पद से अचानक हटाये जाने के एक दिन बाद शापूरजी पलोंजी ने कहा है कि वह ‘‘विभिन्न परिस्थितियों’ को लेकर अध्ययन कर रही है और फिलहाल इस फैसले के खिलाफ कानूनी कारवाई के बारे में उसने कोई निर्णय नहीं लिया है. टाटा संस के बोर्ड में शापूरजी पलोंजी 18.4 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अकेलीबड़ी शेयरधारक है.
साइरस मिस्त्री बोर्ड में उसी के नुमाइंदे हैं. टाटा संस, टाटा समूह की कंपनियों की होल्डिंग कंपनी है. शापूरजी ने कहा है कि वह जो भी रास्ता अपनायेगी और जब भी जरूरी होगा इस बारे में वक्तव्य जारी किया जायेगा. भवन निर्माण क्षेत्र की इस कंपनी ने ई-मेल से भेजे वक्तव्य में कहा है, ‘‘न तो शापूरजी पलोंजी समूह और न ही साइरस मिस्त्री ने अभी कोई वक्तव्य दिया है. परिस्थितियों की समीक्षा की जा रही है. मीडिया में कानूनी कारवाई को लेकर चल रही अटकलों का फिलहाल मौजूदा स्थिति में कोई आधार नहीं है. जब भी सार्वजनिक वक्तव्य देने की जरूरत होगी, उस समय ऐसा किया जायेगा.’
तेजी से बदले घटनाक्रम में कल साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटा दिया गया. उनके स्थान पर रतन टाटा को फिर से समूह का अंतरिम चेयरमैन बना दिया गया. इससे टाटा संस के एकमात्र सबसेबड़े शेयरधारक और समूह के संस्थापक परिवार के बीच विवाद की आशंका व्यक्त की जा रही है.
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