मुंबई : साइरस मिस्त्री को अचानक टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए जाने के एक दिन बाद रतन टाटा ने समूह की कंपनियों के वरिष्ठ प्रबंधन से शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की चिंता किए बिना कामकाज पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है. इसके अलावा समूह की धारक कंपनी टाटा संस के निदेशक मंडल में दो नए निदेशक भी शामिल किए गए हैं.
गौरतलब है कि मिस्त्री को हटाए जाने के बाद रतन टाटा ने समूह के अंतरिम चेयरमैन का पदभार संभाला है.निदेशक मंडल द्वारा किए गए इस नाटकीय फैसले के एक दिन बाद आज समूह ने कई कानूनी मंचों का भी रुख किया. समूह ने आज उच्चतम न्यायालय, बांबे उच्च न्यालय और राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण में कैविएट दाखिल किये हैं ताकि साइरस मिस्त्री अदालतों से कोई एकतरफा आदेश पारित नहीं करा सकें.
इसी क्रम में आज जगुआर लैंड रोवर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राल्फ स्पेथ और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक एन. चंद्रशेखरन को कंपनी के निदेशक मंडल में अतिरिक्त निदेशक के तौर पर शामिल किया है. ये दोनों कंपनियां टाटा की करीब 100 कंपनियों में सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनियां हैं.रतन टाटा ने आज सुबह में समूह की कंपनियों के मुख्य कार्यकारियों से हाल के घटनाक्रम के बारे में बातचीत की.
बांबे हाउस में टाटा की कंपनियों के प्रबंध निदेशकों और वरिष्ठ कार्यकारियों को संबोधित करते हुए टाटा ने कहा, ‘‘मैंने अंतरिम चेयरमैन का कार्यभार स्थिरता और निरंतरता के लिए संभाला है जिससे कोई रिक्तता या खालीपन न रहे.’ सूत्रों ने बताया कि उन्होंने मिस्त्री को अचानक हटाए जाने की वजहों के बारे में कोई चर्चा नहीं की.मिस्त्री को समूह की कमान सौंपे जाने से पहले रतन ने ही 21 वर्ष तक इस समूह का नेतृत्व किया था. उन्होंने कहा कि अंतरिम चेयरमैन के तौर पर उनकी भूमिका लघु अवधि के लिए है जिससे समूह में स्थिरता तथा निरंतरता कायम रखी जा सके.
उन्होेंने कहा, ‘‘यह लघु अवधि के लिए है. एक नया स्थायी नेतृत्व जल्द सामने आएगा.’ टाटा ने 100 अरब डॉलर के समूह की कंपनियों के शीर्ष कार्यकारियों से कहा, ‘‘कंपनियों को प्रतिस्पर्धा के हिसाब से अपनी बाजार स्थिति को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और अपने खुद के पिछले समय से तुलना नहीं करनी चाहिए. अभियान नेतृत्व वाली भूमिका के लिए होना चाहिए और पीछे-पीछे चलने के लिए नहीं.’ कल अचानक हुए घटनाक्रमों में साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के चेयरमैन पद से बर्खास्त कर दिया गया. उनका स्थान अंतरिम चेयरमैन के रूप में रतन टाटा ने लिया है. मिस्त्री को दिसंबर 2012 में रतन के स्थान पर ही समूह का चेयरमैन बनाया गया था. कंपनी के 15 दशकों के इतिहास में वह छठे चेयरमैन बने थे.
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