मुंबई : एक अप्रत्याशित घटनाक्रम के बीच टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाये जाने के बाद साइरस मिस्त्री ने ईमेल लिखा है कि वे इस तरह से हटाये जाने से सदमे में हैं. समूह के चेयरमैन पद से हटाये जाने के बाद पहली बार मिस्त्री ने कुछ बोला है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मिस्त्री ने कंपनी को एक ईमेल लिखा है जिसमें उन्होंने बचाव का मौका नहीं दिये जाने की शिकायत की है. मिस्त्री ने ई मेल में लिखा है कि ‘इस फैसले से मैं शॉक्ड हूं. मुझे अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया गया. बोर्ड ने अपनी साख के मुताबिक काम नहीं किया.’
उन्होंने लिखा, ‘टाटा संस और ग्रुप कंपनियों के स्टेकहोल्डर्स के प्रति जिम्मेदारी निभाने में डायरेक्टर्स विफल रहे और कॉरपोरेट गवर्नेंस का कोई ख्याल नहीं रखा गया.’ मैंने टाटा संस बोर्ड को 2025 तक की स्ट्रैटजी सौंप दी थी. मिस्त्री ने कहा, ‘मैंने शुरुआत में रतन टाटा और लॉर्ड भट्टाचार्या का ग्रुप को लीड करने का ऑफर ठुकरा दिया था, लेकिन कैंडिडैट्स नहीं होने के कारण मुझे आगे लाया गया था. साथ ही यह भरोसा दिया गया था कि मुझे काम करने की पूरी स्वतंत्रता होगी. इसमें रतन टाटा की भूमिका सलाहकार और गाइड की होगी.’
साइरस मिस्त्री ने समूह पर काम में स्वतंत्रता नहीं देने का आरोप लगाया. मिस्त्री ने कहा ‘मुझे स्वतंत्रता देने का वादा किया गया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अप्वाइंटमेंट के बाद टाटा ट्रस्ट ने एसोसिएशंस के आर्टिकल में संशोधन किया. इसमें ट्रस्ट, टाटा संस बोर्ड और चेयरमैन के बीच इंगेजमेंट के टर्म को बदला गया.’ ‘नियमों में बदलाव के माध्यम से टाटा संस के चेयरमैन के रोल को कम किया गया और एक अल्टरनेटिव पावर स्ट्रक्चर तैयार किया गया.’
टाटा संस ने सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट में कैविएट दाखिल किये
टाटा समूह की ‘बोर्ड रूम’ की लड़ाई अब अदालतों में पहुंचती नजर आ रही है. टाटा संस ने उच्चतम न्यायालय, बांबे उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाये जाने के खिलाफ अदालत से किसी भी तरह की राहत पहुंचाने को लेकर कैविएट दाखिल किये हैं. टाटा संस और अन्य सहित एक टाटा ट्रस्ट ने विभिन्न अदालतों में यह कैविएट दाखिल किये.
कैविएट इसलिये दाखिल किये गये हैं ताकि मिस्त्री किसी भी अदालत से अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ कोई इकतरफा आदेश पारित नहीं करा सकें. कैविएट दाखिल करने का मकसद यही है कि इस संबंध में अदालत द्वारा कोई भी आदेश देने से पहले टाटा संस की बात भी सुनी जायेगी. इनमें एक कैविएट रतन टाटा और अन्य की तरफ से मिस्त्री के खिलाफ दायर किया गया है.
राल्फ स्पेथ व एन. चंद्रशेखरन टाटा संस के निदेशक मंडल में
टाटा समूह की कंपनियों की धारक कंपनी टाटा संस ने जगुआर लैंड रोवर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राल्फ स्पेथ और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक एन. चंद्रशेखरन को कंपनी के निदेशक मंडल में अतिरिक्त निदेशक के तौर पर शामिल किया है.कंपनी ने यह फैसला साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाने के महज एक दिन बाद लिया है.
कंपनी ने एक बयान में कहा गया है, ‘टाटा संस के निदेशक मंडल में आज जगुआर लैंड रोवर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राल्फ स्पेथ और टाटा टेलीसर्विसेज (टीसीएस) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक एन. चंद्रशेखरन को टाटा सन्स के निदेशक मंडल में अतिरिक्त निदेशक के तौर पर शामिल किया गया है.’
टाटा सन्स के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने इन नियुक्तियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ‘इनकी नियुक्ति इनकी कंपनियों में इनकी अनुकरणीय सेवाओं को देखते हुए की गयी है.’ इसके साथ ही टाटा संस के निदेशक मंडल में सदस्यों की संख्या 12 हो गई है.
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