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टाटा-मिस्त्री विवाद पर सरकार की करीबी निगाह : मेघवाल

भाषा नयी दिल्ली : देश के बड़े औद्योगिक घराने टाटा समूह में जारी टाटा-मिस्त्री विवाद पर सरकार की ‘करीबी निगाह’ है. सरकार का मानना है कि 100 अरब डालर से अधिक कारोबार वाले इस समूह के ताजा घटनाक्रम का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है. वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज यह बात […]

भाषा

नयी दिल्ली : देश के बड़े औद्योगिक घराने टाटा समूह में जारी टाटा-मिस्त्री विवाद पर सरकार की ‘करीबी निगाह’ है. सरकार का मानना है कि 100 अरब डालर से अधिक कारोबार वाले इस समूह के ताजा घटनाक्रम का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है. वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज यह बात कही. मेघवाल ने कहा कि सरकार इस विवाद से अलग रहेगी क्योंकि यह मामला टाटा संस का आंतरिक मामला है. मेघवाल कार्पोरेट कार्य मंत्रालय के प्रभारी मंत्री हैं. कंपनी विवाद से जुड़े मामले इसी मंत्रालय के तहत आते हैं. मेघवाल ने ‘भाषा’ से कहा ‘सरकार का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है.’

उन्होंने कहा कि टाटा समूह 100 अरब डालर से अधिक का समूह है और इसके घटनाक्रमों का अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा, ‘हम बारीकी से निगाह रखे हुये हैं. मीडिया में जो कुछ आ रहा है और हमारे सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है, उसके आधार पर हम निगाह रखे हुये हैं.’

वित्त राज्य मंत्री ने आगे कहा यह मामला अभी तक कार्पोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) में नहीं आया है. ‘कार्पोरेट कार्य मंत्रालय में लिखित में कुछ नहीं आया है.’ उन्होंने कहा गैर-सूचीबद्ध कंपनियों से जुड़े मामले एमसीए देखती है जबकि सूचीबद्ध कंपनियों के लिये बाजार नियामक सेबी है. ‘टाटा समूह काफी बड़ा है और यह स्वाभाविक है कि उसका अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा. हालांकि, अभी तक चिंता की कोई बात नहीं है. घबराने वाली कोई बात नहीं है.’

मेघवाल ने कहा, ‘टाटा समूह खुद एक सम्मानित समूह है और वह अपने आतंरिक मुद्दे खुद ही सुलझा लेंगे.’ टाटा समूह में भारतीय जीवन बीमा निगम की हिस्सेदारी और उसके हितों के बारे में पूछे जाने पर मेघवाल ने कहा कि केवल एलआईसी ही नहीं कई लोग इस समूह से जुड़े हैं. देश विदेश के निवेशकों के हित इससे जुड़े हैं और अर्थव्यवस्था में उनकी प्रमुख भूमिका है. उन्होंने कहा कि यदि यह मामला सरकार और नियामक के समक्ष आता है तो नियमों के तहत जो भी होगा हम कदम उठायेंगे. ‘हम अभी नजर रखे हुये हैं.’

एलआईसी की टाटा मोटर्स में 7 प्रतिशत, टाटा स्टील में 13.91 प्रतिशत, टाटा पावर में 13.12 प्रतिशत और इंडियन होटल्स में 8.76 प्रतिशत हिस्सेदारी है. साइरस मिस्त्री को पिछले महीने के अंत में टाटा समूह के चेयरमैन पद से अचानक हटा दिया गया. मिस्त्री ने अपनी बात रखने के लिये वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलने का समय मांगा लेकिन वित्त मंत्री ने अब तक किसी भी पक्ष से मुलाकात करने का फैसला नहीं किया है.

सरकार टाटा समूह की मौजूदा खींचतान में नहीं उलझना चाहती है. टाटा संस ने मिस्त्री को हटाकर उनके स्थान पर चार माह के लिये रतन टाटा को समूह का अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किया है. मिस्त्री से पहले लंबे समय तक रतन टाटा समूह के चेयरमैन रह चुके हैं.

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