GST के चार स्लैब तय, CPI की 50 प्रतिशत चीजों पर शून्य टैक्स की नीति, लक्जरी कार, तंबाकू पर ज्यादा टैक्स
नयी दिल्ली : जीएसटी काउंसिल की बैठक में आज टैक्स दरों पर सहमति बन गयी. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कान्फ्रेंस में इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी के तहत टैक्स के लिए चार स्लैब तय किये गये हैं. जीएसटी परिषद ने वस्तु एवं सेवा कर ढांचे के तहत 5, 12, 18 […]
नयी दिल्ली : जीएसटी काउंसिल की बैठक में आज टैक्स दरों पर सहमति बन गयी. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कान्फ्रेंस में इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी के तहत टैक्स के लिए चार स्लैब तय किये गये हैं. जीएसटी परिषद ने वस्तु एवं सेवा कर ढांचे के तहत 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार स्तर की दरें तय की. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इसका एलान करते हुए कहा कि जीएसटी परिषद ने जीएसटी दरों को अंतिम रूप दे दिया है. जेटली ने कहा, जीएसटी के तहत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में शामिल खाद्यान्न सहित आम व्यक्तियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली 50 प्रतिशत वस्तुओं पर शून्य कर लगेगा.
आम लोगों की सामान्य उपभोग की वस्तुओं पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत होगी. जीएसटी में 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो मानक दरें होंगी. जिन वस्तुओं पर इस समय उत्पाद शुल्क और वैट सहित कुल 30-31 प्रतिशत कर लगता है उन पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत होगी.
वित्तमंत्री अरुण जेटली के अनुसार, उच्चतम दरसे प्राप्त होने वाले कर से होने वाले अतिरिक्त राजस्व आय का इस्तेमाल आवश्यक उपभोग की वस्तुओं पर कर की दर पांच प्रतिशत रखने में किया जाएगा और आम उपभोग की कुछ वस्तुओं को 18 प्रतिशत के दायरे में हस्तांतरित किया जायेगा.
लक्जरी कारों, तंबाकू, कार्बोरेटेड पेय पदार्थों पर उपकर लगाया जायेगा और इसके साथ इनपर स्वच्छ ऊर्जा उपकर के अलावा एक और उपकर लगाया जाएगा जिससे मिलने वाली राशि का इस्तेमाल राज्यों को राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई केलिए किया जायेगा. जेटली ने कहा कि उपकर के जरिये बनने वाला ‘मुआवजा कोष’ पांच साल के लिए रहेगा.
वित्तमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के पहले साल में राज्यों को उनके राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए 50,000 करोड रपये की आवश्यकता होगा.
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