Loading election data...

जीएसटी दर : गरीबों को लाभ, अमीरों की कटेगी जेब

नयी दिल्ली : सरकार ने जीएसटी प्रणाली के तहत चार स्तरीय कर व्यवस्था की घोषणा की है. प्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में प्रस्तावित नयी वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली के तहत 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार स्तरीय कर व्यवस्था रखे जाने का निर्णय किया गया है. सबसे निम्न दर आम उपभोग की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 3, 2016 8:03 PM

नयी दिल्ली : सरकार ने जीएसटी प्रणाली के तहत चार स्तरीय कर व्यवस्था की घोषणा की है. प्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में प्रस्तावित नयी वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली के तहत 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार स्तरीय कर व्यवस्था रखे जाने का निर्णय किया गया है. सबसे निम्न दर आम उपभोग की वस्तुओं पर लागू होगी, जबकि सबसे उंची दर विलासिता और तंबाकू जैसी अहितकर वस्तुओं पर लागू होगी. जीएसटी परिषद की आज यहां शुरु हुई दो दिवसीय बैठक के पहले दिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस फैसले की जानकारी दी.

खाद्यान्न सहित आवश्यक उपभोग कर मुक्त

महंगाई को ध्यान में रखते हुये खाद्यान्न सहित आवश्यक उपभोग की कई वस्तुओं को कर मुक्त रखा गया है. इस लिहाज से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में शामिल तमाम वस्तुओं में से करीब 50 प्रतिशत वस्तुओं पर कोई कर नहीं लगेगा. इन्हें शून्य कर की श्रेणी में रखा गया है. सरकार के इस फैसले से महंगाई पर लगाम लगेगी.

जीएसटी परिषद की आज हुई बैठक में चार स्तरीय दरों को अंतिम रुप दे दिया गया. इसमें महंगाई को लेकर विशेष ध्यान दिया गया है. आम आदमी पर महंगाई का बोझ नहीं पडे इसके लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में शामिल खाद्यान्न और दूसरी जरुरी वस्तुओं सहित करीब आधी वस्तुओं पर कोई कर नहीं लगेगा जबकि दूसरी सामान्य वस्तुओं पर पांच प्रतिशत की सबसे निम्न दर पर कर लगाया जायेगा. इसके अलावा 12 और 18 प्रतिशत की दो मानक दरें रखीं गई हैं

सामान्य उपभोग की वस्तुओं पर पांच प्रतिशत की दर

जीएसटी प्रणाली के तहत पांच प्रतिशत की दर सामान्य उपभोग की वस्तुओं के लिये होगी, जबकि 12 और 18 प्रतिशत की दो मानक दरें होंगी. सबसे ऊंची दर 28 प्रतिशत की दर उन वस्तुओं पर लागू होगी जिनमें वर्तमान में उत्पाद शुल्क और वैट सहित कुल 30-31 प्रतिशत की दर से कर लगता है. इनमें लक्जरी कारें, तंबाकू और ठंडे पर उंची दर के साथ ही स्वच्छ उर्जा उपकर तथा राज्यों को राजस्व की हानि की क्षतिपूर्ति के लिए एक नया उपकर लगाया जायेगा..

सिगरेट पीना होगा महंगा, लक्जरी वस्तुओं पर देना पड़ेगा सबसे ज्यादा टैक्स

सबसे ज्यादा टैक्स तंबाकू व लक्जरी वस्तुओं पर होगा. सरकार की जीएसटी को एक अप्रैल 2017 से लागू करने की मंशा है. ज्वैलरी पैकेज्ड फूड महंगा हो सकता है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सबसे उंची 28 प्रतिशत की दर उन वस्तुओं पर लागू होगी जिनमें वर्तमान में उत्पाद शुल्क और वैट सहित कुल 30-31 प्रतिशत की दर से कर लगता है. इनमें लक्जरी कारें, तंबाकू और ठंडे पर उंची दर के साथ ही स्वच्छ उर्जा उपकर तथा राज्यों को राजस्व की हानि की क्षतिपूर्ति के लिए एक नया उपकर लगाया जायेगा.


उद्योग जगत का सुझाव, धीरे-धीरे जीएसटी की एक या दो दर की जाएं

भारतीय उद्योग जगत ने आज सुझाव दिया कि सरकार को धीरे-धीरे कर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की एक या दो दरों पर आना चाहिए. उद्योग मंडल सीआईआई ने बयान में कहा, ‘‘जीएसटी का दर ढांचा चार दरों तक सीमित रहना चाहिए, जैसा कि सरकार ने कहा है. समय के साथ सरकार को इसे एक या दो दरों पर लाना चाहिए.’ सीआईआई के अध्यक्ष नौशाद फोर्ब्स ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि ज्यादातर वस्तुएं एवं सेवाएं 18 प्रतिशत की मानक दर के दायरे में आती हैं. सिर्फ कुछ अपवाद वाले उत्पादों पर जीएसटी की उंची 28 प्रतिशत की दर लगेगी जबकि आवश्यक वस्तुओं मसलन अप्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों पर निचली दर लागू होगी. फिक्की ने चार स्तर के दर ढांचे पर सहमति बनाने तथा इसे अंतिम रूप देने के लिए जीएसटी परिषद की सराहना की.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version