नयी दिल्ली : पुराने ऊंचे मूल्य के नोटों को बंद करने के फैसले का स्वागत करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया ने आज कहा कि इन नोटों को हटाने से मुद्रास्फीति पर अंकुश लगेगा और इससे बैंकिंग चैनल से लेनदेन साफ-सुथरी अर्थव्यवस्था की ओर स्थानांतरित होगा. पनगढिया ने यहां मीडिया से परिचर्चा में कहा कि कालेधन को हटाना एक काफी सकारात्मक कदम है. ऐसे में लेनदेन बैंकिंग प्रणाली के जरिये साफ-सुथरी अर्थव्यवस्था की ओर बढेगा. आर्थिक संपादकों के सम्मेलन में पनगढिया ने कहा कि अभी तक जो बचत करेंसी नोटों के रूप में रखी हुई थी वह अब बैंकों में जमा हो जाएगी.
हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कालेधन को चलन से हटाने से मुद्रा की आपूर्ति पर कुछ असर होगा. उन्होंने कहा कि धन की आपूर्ति कम होगी क्योंकि जो काली मुद्रा अभी चलन में है, वह बाहर निकल जाएगी. पनगढिया ने कहा, ‘‘कालाधन प्रणाली से बाहर निकलने पर मुद्रा की आपूर्ति कुछ हद तक कम होगी. रिजर्व बैंक द्वारा किसी मुक्त बाजार परिचालन के अभाव में मुद्रास्फीति की दर घटेगी.’ एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि इस बात की काफी संभावना है कि रिजर्व बैंक कुछ मुक्त बाजार परिचालन करे, जिससे आंशिक रूप से मुद्रा की आपूर्ति को बदला जा सके.
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