नियामकों को सिर्फ गंभीर उल्लंघन वाले मामलों में हस्तक्षेप करना चाहिए:चिदंबरम
नयी दिल्ली : नियामकों को तभी हस्तक्षेप करना चाहिए जबकि कंपनियों द्वारा नियमों का गंभीर उल्लंघन हो या जबकि सीधे-सीधे आपराधिक मामला हो ताकि उन पर बहुत बोझ न पड़े. यह बात आज चिदंबरम ने कही. केंद्रीय सतर्कता आयोग के स्वर्ण जयंती समारोह में चिदंबरम ने कहा कि नए कंपनी कानून का लक्ष्य है पारदर्शिता, […]
नयी दिल्ली : नियामकों को तभी हस्तक्षेप करना चाहिए जबकि कंपनियों द्वारा नियमों का गंभीर उल्लंघन हो या जबकि सीधे-सीधे आपराधिक मामला हो ताकि उन पर बहुत बोझ न पड़े. यह बात आज चिदंबरम ने कही.
केंद्रीय सतर्कता आयोग के स्वर्ण जयंती समारोह में चिदंबरम ने कहा कि नए कंपनी कानून का लक्ष्य है पारदर्शिता, खुलासे की बेहतर प्रक्रिया और ज्यादा उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना. उन्होंने कहा ‘‘नियामक और अधिकार प्राप्त नियामक को जरुर हस्तक्षेप करना चाहिए और मैं अपील करता हूं कि वे ऐसा सिर्फ गंभीर उल्लंघन या अत्यधिक उल्लंघन की स्थिति में करें या फिर जब स्पष्ट तौर पर आपराधिक मामला हो.’’चिदंबरम ने कहा ‘‘हमें आत्म-नियमन में भरोसा जरुर करना चाहिए.’’
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