दिखे देशभर में नोटबंदी के साइड इफेक्ट्स
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री की अपील के बावजूद लोगों का धैर्य जवाब दे गया. लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरत के लिये नकदी पाने के वास्ते लंबी लाइनों में खडे होकर प्रतीक्षा करते रहे. कई बैंकों के एटीएम काम नहीं कर रहे और कई स्थानों पर बैंक शाखाओं में नकदी समाप्त होने से […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
November 13, 2016 8:52 PM
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री की अपील के बावजूद लोगों का धैर्य जवाब दे गया. लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरत के लिये नकदी पाने के वास्ते लंबी लाइनों में खडे होकर प्रतीक्षा करते रहे. कई बैंकों के एटीएम काम नहीं कर रहे और कई स्थानों पर बैंक शाखाओं में नकदी समाप्त होने से परेशानी रही. देशभर में बैंक शाखाओं के बाहर आज भी लंबी लाइनें देखी गयी. आज रविवार का दिन होने पर लोग किसी भी हालत में कुछ नकदी प्राप्त करना चाहते थे क्योंकि सोमवार को देश के कई हिस्सों में अवकाश रहेगा. हालांकि, कई घंटे लाइन में लगे रहने के बावजूद नकदी की कमी के कारण कई लोगों को आज भी खाली हाथ लौटना पड़ा. इससे भी बडी परेशानी यह रही कि आज तीसरे दिन भी ज्यादातर एटीएम से नकदी नहीं मिल पाई. आज दिन की शुरुआत होने के साथ ही लोग बैंक शाखाओं के बाहर लाइनों में खड़े हो गये.
बैंकों से 500, 1000 रुपये के बंद नोटों के बदले नये नोट लेने की परेशानी आज और ज्यादा रही.
महिलाओं और बुजुर्गों को इसका सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ा. कानपुर की बुजुर्ग सुनीति गुप्ता ने कहा, ‘‘मुझे मजबूर होकर बैंक जाना पडा क्योंकि मेरे पास बहुत कम नकदी रह गई थी. लेकिन बैंकों में लंबी लाइन देखकर मेरी हिम्मत जवाब दे गई. लेकिन मैंने किसी तरह लाइन में खडे होने की ताकत जुटाई.’ जब से 500, 1,000 रुपये के नोट बंद हुये हैं उसके बाद से बैंक शाखाओं के बाहर इस तरह की लाइनें आम बात हो गईं हैं. कई लोग अपनी दिहाड़ी छोडकर नकदी पाने के लिये बैंकों में पहुंच रहे हैं
सागर में रुपये बदलवाने की कतार में खडे बुजुर्ग की मौत
मध्यप्रदेश के सागर में मकरोनिया स्थित एक बैंक में 500 एवं 1000 रुपये के अमान्य नोटों को बदलवाने के लिए लंबी कतार में खडे एक बुजुर्ग की दिल का दौरा पडने से मौत हो गई.मृतक की पहचान विनय कुमार पांडे (69) के रुप में हुई है. वह शहर के दूरसंचार कॉलोनी में रहते थे तथा बीएसएनएल से सेवानिवृत्त थे.
विनय के बेटे विनोद पांडे ने को आज बताया कि उसके पिताजी सरकार द्वारा बंद किए गए 500 एवं 1000 के नोटों को बदलवाने के लिए मकरोनिया स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में कल दोपहर 11 बजे गए थे और वहां लगी लंबी कतार में खड़े हो गए. करीब आधा घंटे लाइन में खडे रहने के बाद उन्हें घबडाहट होने लगी और अचानक वह जमीन पर गिर पडे.
उन्होंने कहा कि घटना के बाद उन्हें तुरंत एक निजी चिकित्सालय ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उनका चेकअप किया और बताया कि उन्हें दिल का दौरा पडा है और चिकित्सकों के प्रयासों के बावजूद उन्होंने कल करीब दोपहर 12 बजे दम तोड़ दिया
नवजात शिशु की मौत : महाराष्ट्र सरकार ने निजी अस्पतालों को चेक स्वीकार करने को कहा
महाराष्ट्र सरकार ने आज निजी अस्पतालों को आपात स्थिति में इलाज के मामले में चेक स्वीकार करने का निर्देश दिया.यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब एक निजी अस्पताल में कथित रुप से इलाज से इनकार किये जाने पर एक नवजात शिशु की मौत हो गयी थी. अस्पताल ने इलाज करने से इसलिए इनकार कर दिया था क्योंकि इस बच्चे के माता-पिता के पास बिल चुकाने के लिए बंद कर दिए गए 500 रुपये के पुराने नोट थे.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी निजी अस्पतालों को आपात चिकित्सा की स्थिति में मरीजों से चेक स्वीकार करने का कडा निर्देश जारी किया है. फडणवीस ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी स्थिति पर चौबीसों घंटे कडी नजर रख रहे हैं ताकि महाराष्ट्र के नागरिकों को असुविधा न हो. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘यदि किसी व्यक्ति को किसी तरह की परेशानी या किसी अस्पताल के असहयोग का सामना करना पडता है तो वह मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 108 पर डायल कर सकता है
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.