नयी दिल्ली : देश के निर्यात में बढोतरी का सिलसिला लगातार दूसरे माह अक्तूबर में भी जारी रहा और यह आलोच्य माह में 9.59 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 23.51 अरब डॉलर के बराबर रहा.इस बढोतरी में आभूषण और इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्यात में बढ़ोतरी का बडा योगदान बताया गया है. आधिकारिक आंकडों के अनुसार अक्तूबर में इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात 13.86 प्रतिशत और आभूषणों का निर्यात 21.84 प्रतिशत बढ़ा. इस दौरान पेट्रोलियम और रासायनिक उत्पादों के निर्यात में सालाना आधार पर क्रमश: 7.24 प्रतिशत और 6.65 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी.
अक्तूबर में आयात भी 8.11 प्रतिशत बढ़ कर 33.67 अरब डालर के बराबर रहा.आलोच्य माह में व्यापार घाटा 10.16 अरब डालर के बराबर था. सितंबर माह में निर्यात में 4.62 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी थी. वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्तूबर 2016-17 के दौरान निर्यात में कुल मिला कर एक साल पहले इसी अवधि की तुलना में 0.17 प्रतिशत की कमी आई है. इस अवधि में निर्यात 154.91 अरब डालर रहा. इस दौरान आयात भी 10.85 प्रतिशत घटर 208 अरब डालर और व्यापार घाटा 53.16 अरब डालर रहा.
खुदरा, थोक मुद्रास्फीति में गिरावट
खाद्य वस्तुओं के दामों में गिरावट से अक्तूबर महीने में खुदरा और थोक मुद्रास्फीति में कमी आई है. इससे यह उम्मीद बंधी है कि रिजर्व बैंक अगले महीने की मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में एक और कटौती करेगा. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अक्तूबर में घटकर 14 महीने के निचले स्तर 4.20 प्रतिशत पर आ गई. वहीं थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति लगातार दूसरे माह गिरते हुए अक्तूबर में 3.39 प्रतिशत पर आ गयी.
खुदरा मुद्रास्फीति जहां सितंबर में 4.39 प्रतिशत थी, वहीं थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में 3.57 प्रतिशत के स्तर पर थी. अक्तूबर में खुदरा मुद्रास्फीति 3.32 प्रतिशत पर रही, जो सितंबर के 3.88 प्रतिशत की तुलना में कम है. अक्तूबर में थोक मुद्रास्फीति घटकर 4.34 प्रतिशत पर आ गई, जो सितंबर में 5.75 प्रतिशत पर थी. उद्योग मंडल फिक्की ने मांग की है कि निवेशकों तथा उपभोक्ता धारणा में सुधार के लिए ब्याज दरों में कटौती की जाए. फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन नेवतिया ने कहा कि आवास, वाहन तथा टिकाउ उपभोक्ता सामान क्षेत्रों के लिए को आसान वित्त सुगम कराने के लिए रिजर्व बैंक को रेपो दरों में तत्काल आधा प्रतिशत की कटौती पर विचार करना चाहिए.
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