नयीदिल्ली : सरकार ने 100 रुपये और 50 रुपये के नोट पर पाबंदी लगाने संबंधी चर्चाओं को कोरी अफवाह बताया और कहा कि उसका ऐसा कोई इरादा नहीं है. ट्विटर पर जारी सूचना में सरकार ने इस तरह की अफवाहों को कल्पना मात्र बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से देश को संबोधित कर 50 रुपये और 100 रुपये के नोट को अवैध घोषित करेंगे.
पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘यह आधारहीन है. किसी अन्य राशि की मुद्रा पर पाबंदी लगाने का कोई इरादा नहीं है.’ बयान में इसे काल्पनिक बताया गया है और दलील दी है कि रपये पर पाबंदी से लाभ के मुकाबले लागत ज्यादा है.
इसमें यह भी कहा गया है कि बैंक लॉकर को सील करने तथा स्वर्ण एवं हीरे के आभूषणों को कुर्क करने का कोई इरादा नहीं हैं दो हजार रपये के नये नोट की खराब गुणवत्ता और उसके रंग उतरने की शिकायतों के बारे में सरकार ने कहा कि इसको लेकर चिंता की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि ये नोट की सुरक्षा विशेषताएं हैं.
बयान में इस बात को भी खारिज किया गया है कि 2,000 रपये के नोट में चिप लगा है. पीआईबी ने इसे मनगढंत बतायी. इस अफवाह के बारे में कि लोग कानून का उल्लंघन करने के लिये अन्य रास्ता तलाशेंगे, पीआईबी ने कहा, ‘‘प्रवर्तन एजेंसियां जरुरी निगरानी रख रही हैं. इसके अलावा कालाधन पर अंकुश लगाने के लिये बेनामी सौदा कानून में भी संशोधन किया गया है और सूचना साझा करने के लिये अन्य देशों के साथ समझौते किये गये हैं.’ यह भी स्पष्ट किया गया है कि बड़े नोटों पर पाबंदी लगाने के फैसले में गोपनीयता बरती गयी.
इस बीच, रिजर्व बैंक ने एक परिपत्र जारी कर बैंकों से 50,000 रुपये से अधिक नकद राशि अपने खाते में जमा करने वाले उस व्यक्ति से पैन कार्ड की प्रति लेने को कहा है जिनके खाते पैन से नहीं जुड़े हैं.
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