नोटबंदी का फैसला वापस नहीं होगा, देश को होगा लाभ : अरुण जेटली

नयी दिल्ली : ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल के नोटबंदी के फैसले को 72 घंटे में वापस लेने की मांग पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार अपने फैसले पर अडिग है.जेटली ने कहा किविमुद्रीकरण के फैसले को वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है. न्यूज एजेंसी एएनआई से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2016 6:02 PM

नयी दिल्ली : ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल के नोटबंदी के फैसले को 72 घंटे में वापस लेने की मांग पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार अपने फैसले पर अडिग है.जेटली ने कहा किविमुद्रीकरण के फैसले को वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान जेटली ने कहा कि सरकार ने पांच सौ व हजार के लीगल टेंडर को समाप्त किया है. उसके पीछे का उद्देश्य कालाधन को बाहर करना, देश के वित्तीय व्यवस्था को साफ-सुथरा करना है.

उन्होंने कहा कि इस फैसले से बैंकों में ज्यादा पैसा पहुंचेगा, क्राइम मनी बाहर निकलेगा, राजनीति में भी स्वच्छता आयेगी. खेद की बात है कि कुछ राजनीतिक दल और राज्य सरकारें इसमें बाधा पहुंच रही है. जहां तक करेंसी की उपलब्धता की बात है मैं खुद बैंकों में जाकर देखा हूं कि लोग पैसा जमा कर रहे हैं, निकाल रहे हैं. एटीएम का रिकेलिब्रेशन भी हो रहा है. बैंक कर्मचारी भी बहुत मेहनत कर रहे हैं.

उन्होंने कांग्रेस पार्टी के विरोध के बारे में प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि राष्ट्रीय पार्टी के रूप में कांग्रेस पार्टी को ऐसे फैसलों पर समर्थन करना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सदन में गैरमौजूदगी व सीधे उनसे जवाब मांगे जाने के सवाल पर जेटली ने कहा कि सरकार सामूहिक जिम्मेवारी से चलती है. उन्होंने कहा कि यह सरकार का अधिकार है कि वह किसे इस मुद्दे पर जवाब देने की जिम्मेवारी सौंपती है.

विजय माल्या के सवाल पर उन्होंने कहा किकिसी लोन डिफॉल्टर का कर्ज माफ नहीं किया गया है.सिर्फ कर्ज को एनपीए में बदला गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बीते कुछ दिनों में हमें 4000 रुपये बदलने के फैसले के दुरुपयोग की शिकायतें मिली थीं और इसीलिए हमने इस सीमा को कम कर दिया है. सात दिनों में बैंकों ने भीड़ को कम किया है कहीं कोई हलचल नहीं है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

उन्होंने यह भी कहा कि राज्यसभा में विमुद्रीकरण पर चर्चा हुई, अब जब सरकार का जवाब आना है तो कांग्रेस इसमें रोड़े अटका रही है. मालूम हो कि आज फिर राज्यसभा में इस पर चर्चा होनी थी, जिसके बाद सरकार का जवाब आना था, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी.

गौरतलब है कि नोटबंदी को लेकर आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. बैंकों के आगे लंबी कतारें लग गयी और एटीएम के ठप पड़ने से देश के आर्थिक गतिविधि पर जबर्दस्त असर पड़ा है. सरकार के कालेधन के खिलाफ इस मुहिम का कई लोगों ने सराहा है.

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