नयी दिल्ली : भारत में बड़े मूल्य के नोटों के चलन पर प्रतिबंध के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय की तारीफ करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने कहा है कि यह एक ‘साहसिक कदम’ है और इससे देश में कालेधन की अर्थव्यवस्था घटेगी.
नीति आयोग द्वारा यहां आयोजित ‘भारत का कायाकल्प’ शीर्षक व्याख्यान माला का दूसार व्याख्यान देते हुए गेट्स ने कहा कि डिजिटल तरीकों से लेनदेन से पारदर्शिता बढ़ेगी और रिसाव कम होगा. ‘गौरतलब है कि मोदी ने आठ नवंबर को अप्रत्याशित निर्णय कर 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद कर दिया है. गेट्स ने कहा, ऊंचे मूल्य के नोटों को चलन से बाहर करने और उनके बदले नये अतिरिक्त सुरक्षा उपायों वाले नोटों को लाने का कदम भारत में कालेधन की अर्थव्यवस्था को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.”
उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल वित्तीय समावेश के सभी साधन मौजूद है. आधार से खाता खोलने की कागजी कार्रवाई कम होगी और यह काम 30 सेकेंड में हो जागा.
रविशंकर प्रसाद से मिलेबिल गेट्स
नयीदिल्ली : माइक्रोसाफ्ट के संस्थापक व अरबपति परोपकारी बिल गेट्स ने आज यहां आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मुलाकात की. गेट्स ने प्रसाद के साथ इस बात पर चर्चा की कि उनका फाउंडेशन डिजिटल समावेशन, हेल्थकेयर, ई-भुगतान जैसे क्षेत्रों में कैसे भागीदारी कर सकता है.
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह संस्थापक गेट्स ने बैठक के बाद कहा,‘भारत में यह उत्साहजनक समय है और डिजिटल प्लेटफार्म में बहुत अच्छे अवसर हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने भुगतान बैंक व भुगतान बुनियादी ढांचे में निवेश किया है और अब उस पर एप्लीकेशन बनाने की जरूरत है.
गेट्स ने कहा,‘हमें हेल्थ एप्लीकेशन, कृषि एप्लीकेशन पर काम करने की जरूरत है और हमारा फाउंडेशन इन क्षेत्रों में काम को प्रतिबद्ध है. इसलिए मंत्रालय के साथ हमारे रिश्ते महत्वपूर्ण होंगे.रवि प्रसाद ने कहा कि गेट्स ने डिजिटल भुगतान, डिजिटल हेल्थ व ई कृषि जैसे क्षेत्रों में रुचि दिखाई है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.