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स्पेक्ट्रम नीलामी में रिलायंस जियो इंफोकॉम ने मारी बाजी

नयी दिल्ली : रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड ने शुक्रवार को कहा कि उसने हाल ही की स्पेक्ट्रम नीलामी में 22 में से 14 सेवा क्षेत्रों के लिए स्पेक्ट्रम का अधिग्रहण किया है और वह मोबाइल कारोबार के लिए स्पेक्ट्रम के प्रयोग की नयी उदार व्यवस्था में सबसे अधिक स्पेक्ट्रमवाली कंपनी के रूप में उभरी है. […]

नयी दिल्ली : रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड ने शुक्रवार को कहा कि उसने हाल ही की स्पेक्ट्रम नीलामी में 22 में से 14 सेवा क्षेत्रों के लिए स्पेक्ट्रम का अधिग्रहण किया है और वह मोबाइल कारोबार के लिए स्पेक्ट्रम के प्रयोग की नयी उदार व्यवस्था में सबसे अधिक स्पेक्ट्रमवाली कंपनी के रूप में उभरी है. कंपनी ने यह स्पेक्ट्रम 11,054 करोड़ रुपये में खरीदा है.

रिलांयस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने एक बयान में कहा है, इस खरीद के साथ रिलायंस जियो मात्रात्मक दृष्टि से उदारीकृत स्पेक्ट्रम की सबसे बड़ी धारक होगी़ इस स्पेक्ट्रम की बाकी अवधि भी सबसे ज्यादा है. उदार स्पेक्ट्रम प्रणाली में कंपनियों को आवंटित बैंड में अपनी पसंद-वायस, डेटा तथा वीडियो की सेवाएं उपलब्ध कराने की अनुमति होगी.

कंपनी ने यह भी कहा है कि उसने स्पेक्ट्रम का अधिग्रहण 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में प्रमुख दूरसंचार कंपनियों द्वारा भुगतान की गयी ऊंची दरों की तुलना में कम कीमत में किया है. बयान में कहा गया है, रिलायंस जियो ने आरक्षित मूल्य के 31 प्रतिशत प्रीमियम पर 1800 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का अधिग्रहण किया है. वहीं, 900 मेगाहर्ट्ज बैंड के बोलीदाताओं ने आरक्षित मूल्य के 55 से 110 प्रतिशत तक प्रीमियम का भुगतान किया है.

वोडाफोन, एयरटेल ने हासिल किया स्पेक्ट्रम, सरकार को मिले 61,162 करोड़ रूपये

वोडाफोन तथा भारती एयरटेल ने 10 दिन चली नीलामी में दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों और कई अन्य शहरों में महत्वपूर्ण स्पेक्ट्रम हासिल करने में सफलता पायी. इससे सरकार को 61,162 करोड़ रूपये से अधिक राशि प्राप्त हुई है.

मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो इंफोकाम ने दोनों बैंड..प्रमुख 900 मेगाहट्र्ज तथा कम दक्ष 1,800 मेगाहट्जर् की नीलामी में आक्रमक रुप से भाग लिया. हालांकि कंपनी ने 1,800 मेगाहट्र्ज में 22 सर्किलों में से 14 में स्पेक्ट्रम लिया. कंपनी के पास देश भर के लिये 4जी स्पेक्ट्रम होने के बावजूद कंपनी ने इस नीलामी में हिस्सा लिया.

वोडाफोन ने तीन महानगरों में 900 मेगाहट्र्ज बैंड तथा 11 सर्किलों में 2जी 1800 मेगाहट्र्ज में स्पेक्ट्रम के लिये 19,600 करोड़ रूपये की बोली लगायी. कंपनी का दिल्ली, मुंबई और कोलकाता का लाइसेंस इस साल नवंबर में समाप्त हो रहा है और उसे परिचालन जारी रखने के लिये स्पेक्ट्रम की जरुरत थी.

एयरटेल ने 900 मेगाहट्र्ज में दिल्ली और कोलकाता के लिये 900 मेगाहट्र्ज में स्पेक्ट्रम फिर से हासिल किया और मुंबई के लिये इसी बैंड में स्पेक्ट्रम प्राप्त किया. इसके अलावा 15 सर्किलों में 1,800 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम हासिल किया. कंपनी ने 900 और 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में कुल 115 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम के लिये 18,530 करोड़ रूपये की बोली लगायी. कंपनी को दिल्ली और कोलकाता में स्पेक्ट्रम की जरुरत थी क्योंकि उसका मौजूदा लाइसेंस नवंबर में समाप्त हो रहा है.

एयरटेल ने कहा कि वह 1800 मेगाहट्र्ज में देश भर में 4जी नेटवर्क चालू करेगी. आइडिया अन्य कंपनी है जिसे 900 मेगाहट्र्ज बैंड में स्पेक्ट्रम हासिल किया है. इसके जरिये 3जी सेवा चलायी जा सकती है.

कुल मिलाकर 10 दिन चली नीलामी में सरकार को 61,162 करोड़ रूपये मिले जिसमें से 18,296.36 करोड़ रूपये चालू वित्त वर्ष में सरकारी खजाने में जाएंगे. सरकार शुरु में स्पेक्ट्रम नीलामी से चालू वित्त वर्ष में 11,300 करोड़ रूपये के राजस्व की उम्मीद कर रही थी.

यूनिनोर 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में पांच सर्किलों के लिये जबकि आइडिया इसी बैंड में 11 सर्किलों के लिये स्पेक्ट्रम हासिल किये. अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशंस केवल एक सर्किल मुंबई में 1800 मेगाहट्र्ज में स्पेक्ट्रम हासिल किया. टाटा कम्यूनिकेशंस को कोई स्पेक्ट्रम नहीं मिला जबकि एयरसेल को पांच सर्किलों के लिये स्पेक्ट्रम मिले.

दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, ‘‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि नीलामी पूरी हो गई. सरकार को कुल 61,162.22 करोड़ रपए का राजस्व मिलेगा. इस लिहाज से यह नीलामी बेहद सफल रही.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या मजबूत बोली का मोबाइल दरों पर प्रभाव पड़ेगा, सिब्बल ने कहा, ‘‘यह सफल नीलामी है और सही मायने में तभी सफल होगी अगर हम ग्राहकों को बेहतर सेवा देने में सफल होंगे.’’सरकार ने 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में 385 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम और 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में 46 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को बिक्री के लिए रखा गया था. आधार मूल्य पर कुल मिलाकर इसकी कीमत करीब 47,933 करोड़ रूपये थी.

दूरंसचार सचिव एमएफ फारुकी ने कहा कि 900 मेगाहर्ट्ज में 37,572.60 करोड़ रपए और 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में 23,589.62 करोड़ रपए की बोली लगाई गई. कंपनियों को 1800 मेगाहट्र्ज में अग्रिम राशि के रुप में 33 प्रतिशत तथा 900 मेगाहट्र्ज बैंड में 25 प्रतिशत देने का विकल्प है. फारुकी ने कहा, ‘‘सरकार को चालू वित्त वर्ष अग्रिम राशि के रुप में कम-से-कम 18,296.36 करोड़ रूपये मिलेंगे.’’

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