नयी दिल्ली : सरकार ने शादी वाले घरों को राहत देते हुए एक बार में ढाई लाख रुपये तक निकासी की सुविधा प्रदान की थी, लेकिन रिजर्व बैंक ने कुछ कड़ी शर्तें रखकर उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. शादी-विवाह के नाम पर खातों से 2.5 लाख रुपये निकालने के लिये शादी का कार्ड, विवाह भवन और कैटरिंग सेवा देने वालों के किये गये अग्रिम भुगतान की प्रति देनी होगी. रिजर्व बैंक ने शादी के खर्च को पूरा करने के लिये माता या पिता के खातों से राशि निकालने के लिये ये कड़ी शर्तें रखी है.
सरकार की शादी-विवाह के खर्च के लिये विशेष निकासी की सुविधा की घोषणा के चार दिन बाद रिजर्व बैंक ने इस संदर्भ में विस्तृत दिशानिर्देश जारी किया है. नोटबंदी के निर्णय के बाद बैंक खातों से पैसे निकालने पर कुछ प्रतिबंध के कारण शादी-विवाह के मौसम में विशेष निकासी की सुविधा देखते हुए किया गया है. बैंकों में नकदी की कमी को देखते हुए निकासी पर कुछ पाबंदी लगाये गये हैं.
ये हैं रिजर्व बैंक की शर्तें
निकासी की अनुमति आठ नवंबर के सरकार के निर्णय से पहले के उपलब्ध राशि से ही होगी. उसी दिन सरकार ने 500 और 1,000 रुपये के नोट पर पाबंदी की घोषणा की थी.
इतना ही नहीं यह राशि तब ही निकाली जा सकती है जब शादी 30 दिसंबर या उससे पहले हो रही हो.
बैंकों को यह भी कहा गया है कि इस प्रकार की निकासी के लिये रिकार्ड रखें. उन्हें उन लोगों की सूची सौंपनी होगी जिन्हें उस राशि से भुगतान किया गया है.
पैसा माता-पिता या वह व्यक्ति निकाल सकता है जिसकी शादी होनी है. उन लोगों की विस्तृत सूची भी होनी चाहिए जिसके भुगतान के लिये राशि निकाली गयी है.
ऐसे लोगों से घोषणापत्र भी लेना होगा कि उनके पास कोई बैंक खाता नहीं है. सूची में यह भी होना चाहिए कि किस मकसद से प्रस्तावित भुगतान किया जा रहा है.
आरबीआई ने कहा, बैंकों को परिवार को नकद के बिना एनईएफटी, आरटीजीएस, चैक, ड्राफ्ट या डेबिट कार्ड जैसे अन्य साधनों से भुगतान के लिये प्रोत्साहित भी करना चाहिए.
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