नोटबंदी पर जेटली ने दिलाया भरोसा : फिजिकल करंसी सिकुड़ेगी, लेकिन बिजनेस बढे़गा
नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले के बाद शीर्ष बैंक अधिकारियों के साथ वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लंबी बैठक की. बैठक में जेटली ने बैंक अधिकारियों से डिजिटल मनी पर जोर देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि डिजिटल बैंकिंग को मिशन के तौर पर आगे बढ़ाने में बैंकों का रोल काफी […]
नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले के बाद शीर्ष बैंक अधिकारियों के साथ वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लंबी बैठक की. बैठक में जेटली ने बैंक अधिकारियों से डिजिटल मनी पर जोर देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि डिजिटल बैंकिंग को मिशन के तौर पर आगे बढ़ाने में बैंकों का रोल काफी अहम है. उन्होंने कहा कि डिजिटल बैंकिंग को मिशन के तौर पर आगे बढ़ाने के लिये कार्यबल गठितकिया गया है. जेटली काफी समय से प्लास्टिक और डिजिटल मनी को बढ़ावा देने की सिफारिश करते आ रहे हैं.
नोटबंदी के बाद सरकार ने भी कहा कि लोग अपनी आवश्यक सेवाओं के लिए डिजिटल मनी का प्रयोग करें. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर सरकार ने 31 दिसंबर तक सेवा शुल्क नहीं लिये जाने का दावा किया है. 22 नवंबर को शक्तिकांत दास ने प्रेस कान्फ्रेंस कर जानकारी दी थी कि ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर कोई चार्ज नहीं लगेगा. साथ ही रूपे कार्ड का स्विचिंग चार्ज खत्म कर दिया गया है. पेटीएम जैसे ई-वॉलेट की लिमिट दोगुनी कर दी गयी है. अब इसमें 10 हजार रुपये की जगह 20 हजार रुपये तक जमा कर सकेंगे.
जेटली ने आगे कहा कि खरीदारी को लेकर देश में लोगों की आदतें बदल रही हैं. लोग पहले की अपेक्षा डेबिट और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल ज्यादा कर कर रहे हैं. वित्तमंत्री ने कहा कि देश में 80 करोड़ कार्ड सर्कुलेशन में हैं. 40 करोड़ का सक्रिय रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है. डिजिटल वॉलेट से लेनदेन और बढ़ेगा. ग्रामीण इलाकों में कैशलेश ट्रांजैक्शन में दिक्कत होने के सवाल पर जेटली ने कहा कि जहां मोबाइल ऐप पहुंचने में दिक्कत हैं वहां पीओएस मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा. फिजिकल करंसी सिकुड़ेगी, लेकिन बिजनेस बढे़गा.’
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