RBI गर्वनर ने तोड़ी चुप्पी, कहा – लोगों की तकलीफें शीघ्र कम होगी

नयी दिल्ली (पीटीआई भाषा) : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने नोटबंदी के मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोडते हुए आज कहा कि केंद्रीय बैंक पुराने बडे मूल्य के नोटों पर पाबंदी से उत्पन्न स्थिति की दैनिक आधार पर समीक्षा कर रहा और ‘‘ नागरिकों की वास्तविक तकलीफ’ को दूर करने के लिये हर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2016 6:19 PM

नयी दिल्ली (पीटीआई भाषा) : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने नोटबंदी के मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोडते हुए आज कहा कि केंद्रीय बैंक पुराने बडे मूल्य के नोटों पर पाबंदी से उत्पन्न स्थिति की दैनिक आधार पर समीक्षा कर रहा और ‘‘ नागरिकों की वास्तविक तकलीफ’ को दूर करने के लिये हर जरुरी कदम उठा रहा है.आरबीआई प्रमुख ने कहा कि उनकी स्पष्ट मंशा है कि परिस्थितियां शीघ्राति-शीघ्र सामान्य हों.

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने इंटरव्यू में कहा कि 5,00 और 1,000 रुपये के नोट पर पाबंदी के बाद स्थिति की दैनिक आधार पर समीक्षा की जा रही है और नोट मुद्रण कारखानों ने 100 और 500 रुपये के नोट की छपाई पर जोर देना शुरु किया है. रिजर्व बैंक का गवर्नर बनने के बाद पटेल का किसी मीडिया के साथ पहला साक्षात्कार है. पटेल अपने को प्रचार से दूर रख कर काम करने वाले माने जाते हैं.पटेल ने नागरिकों से से भुगतान के लिए डेबिट कार्ड और डिजिटल वालेट जैसे नकद विकल्पों का उपयोग शुरु करने का अनुरोध किया और कहा कि इससे लेन-देन सस्ता तथा आसान होगा तथा इससे आगे चल कर भारत को विकसित देशों की तरह नकदी के कम उपयोग वाली अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी.

पूरी क्षमता के साथ चल रही है नोटों की छपाई

उन्होंने कहा, ‘‘हम बैंकों से व्यपारियों के बीच पीओएस (प्वाइंट आफ सेल) मशीनों को बढावा देने का अनुरोध कर रहे हैं ताकि डेबिट कार्ड का उपयोग ज्यादा प्रचलित हो.’ पटेल ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक ने 1,000 और 500 रुपये के नोट जमा करने से बैंकों की जमा में उल्लेखनी वृद्धि के कारण बढी हुई नकदी पर 100 प्रतिशत सीआरआर (नकद आरक्षित अनुपात) की भी घोषणा की है. उन्होंने कहा कि एक बार सरकार अपने वादे के अनुरुप पर्याप्त मात्रा मेंएमएसएस (बाजार स्थिरीकरण योजना) बांड जारी कर देती है तो उसके बाद सीआरआर बढाने संबंधी इस निर्णय की समीक्षा की जाएगी

रिजर्व बैंक द्वारा उठाये गये कदमों के बारे में विस्तार से बताते हुए उर्जित पटेल ने कहा, ‘‘आरबीआई और सरकार दोनों ही मुद्रण कारखानों को पूरी क्षमता से चलवा रहे हैं ताकि मांग को पूरा करने के लिये नये नोट उपलब्ध हों.’ उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक हर दिन बैंकों से बातचीत कर रहा है. वे हमें बता रहे हैं स्थिति धीरे-धीरे सहज हो रही है. शाखाओं और एटीएम पर कतारें छोटी हो रही हैं और बाजार चालू हो रहे हैं. दैनिक उपभोग की वस्तुओं की किसी कमी की रिपोर्ट नहीं है.’

चालीस से पचास लोगों को एटीएम में सुधार के लिए लगाया गया

पटेल ने कहा, ‘‘साथ ही करीब 40,000 से 50,000 लोगों को एटीएम में जरुरी सुधार के लिये लगाया गया है. मुद्रा उपलब्ध है और बैंक रपये को उठाने तथा उसे अपनी शाखाओं एवं एटीएम में पहुंचाने के लिये मिशन के रुप में काम कर रहे हैं. सभी बैंकों के कर्मचारियों ने बडी मेहनत की है और हम सभी उनके अभारी हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘इतना कुछ कहने के बाद, स्थिति की नियमित आधार पर समीक्षा करना और तथा उन नागरिकों की वास्तविक तकलीफ को कम करने के निर्णय लेना महत्वपूर्ण है जो ईमानदार है तथा जिन्हें तकलीफ हुई है.’ उन्होंने कहा कि ‘इस विषय में इस पैमाने का कोई उदाहरण हमारे सामने नहीं है, इस मामले हमें स्थिति के हिसाब से चलना पडेगा.’

नये नोट का नकल करना मुश्किल

पटेल ने कहा, ‘‘लोग यह पूछ रहे हैं कि आखिर नई मुद्रा का आकार और कागज की मोटाई में पुराने से अलग क्यों है. इसका कारण यह है कि नई मुद्रा का डिजाइन इस रुप से बनाया गया है कि इसकी नकल मुश्किल हो. जब आप इस पैमाने पर बदलाव के लिये कदम उठा रहे हैं, आपको अच्छे से अच्छे मानदंड अपनाने की जरुरत होती है.यह पूछे जाने पर कि आखिर नोटबंदी क्यों जरुरी थी, आरबीआई गवर्नर पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बताया है कि 1,000 और 500 रुपये के नोट को क्यों वापस लेने की आवश्यकता है.

पटेल ने कहा, ‘‘अपने संबोधन में उन्होंने उन कारणों के बारे में बताया कि आखिर यह क्यों महत्वूपर्ण है. उन्होंने भारत की जनता के समक्ष यह प्रतिबद्धता जतायी थी कि वह कालाधन पर अंकुश लगाएंगे और पारदर्शिता तथा जवाबदेही लाएंगे एवं नकली नोटों को समाप्त करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘‘इस दिशा में कई कदम उठाये गये. सबसे पहले, जनधन खाते खाले गये, आय खुलासा योजना चलायी गयी तथा जीएसटी पारित कराया गया. यह लोगों को कर के दायरे में लाने तथा कर दायरा बढाने के प्रयासों का हिस्सा है.’

नोटबंदी एक बिरला घटनाक्रम

पटेल ने कहा, ‘‘लोग बिना कर चुकाये बडी राशि के नोट अपने पर रखे हुए थे. जमीन-जायदाद जैसे कुछ क्षेत्र कर से बचने के लिये नकद का उपयोग कर रहे थे. यह नकली मुद्रा पर भी चोट करता है. साथ ही कंपनियों तथा लोगों को नकदी रहित लेन-देन के लिये बढावा देता है जो बहुत ही सुविधाजनक है. इस दिशा में बैंकों ने डेबिट कार्ड शुल्क वापस ले लिया है.’ यह पूछे जाने पर कि आखिर इतनी लंबी कतारें और व्यापार में कमी क्यों हैं, आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘‘ऐसा जीवन में एकाध बार ही होता है. प्रचलित 86 प्रतिशत मुद्रा को एक बार में हटाने का निर्णय एक बिरला घटनाक्रम है….’ उन्होंने कहा, ‘‘नोटबंदी को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिये पूर्ण रूप से गोपनीयता की जरूरत थी. इसीलिए सभी बैंकों को इस प्रकार के बड़े कदम के लिए 24 घंटों में पूरी तरह तैयार करना मुश्किल था. निश्चित रुप से इससे कुछ समस्याएं हुई. यही कारण है कि हम सभी लोगों से कर चोरी तथा कालाधन के बडे मुद्दे के लिये समर्थन का अनुरोध करते हैं.’

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