8th Pay Commission: जल्द गठित हो सकता है 8वां वेतन आयोग, कर्मचारी संगठनों ने सरकार से की मांग
8th Pay Commission: कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की मांग की है.
8th Pay Commission: कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की मांग की है. महासचिव का कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन आखिरी बार 1 जनवरी 2016 में संशोधित किया गया था और तब से लेकर अब तक महंगाई दर में भारी वृद्धि हुई है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के बाद जरूरी और गैर-जरूरी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि और ब्याज दरों में बढ़ोतरी ने कर्मचारियों और पेंशनर्स के जीवन पर प्रतिकूल असर डाला है.
वेतन आयोग के गठन में देरी और महंगाई का असर
महासचिव ने पत्र में उल्लेख किया कि 1 जुलाई 2024 तक महंगाई भत्ता (DA) की दर 53% से अधिक हो चुकी है. इस समय सीमा में महंगाई ने कर्मचारियों की वास्तविक आय को बहुत प्रभावित किया है. पिछले 9 सालों में खासतौर पर कोविड-19 के बाद, सैलरी की वैल्यू काफी कम हो गई है क्योंकि महंगाई की दर लगातार बढ़ रही है. उन्होंने यह भी कहा कि वेतन आयोग का गठन और लागू होने में समय लगता है और इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए.
हर पांच साल में वेतन रिवीजन की जरूरत
महासचिव ने वेतन संरचना को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि यह देश की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित कर सके. उनका कहना था कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन का रिवीजन हर पांच साल में होना चाहिए ताकि वे एक सम्मानजनक जीवन जी सकें और सरकारी योजनाओं का सही तरीके से कार्यान्वयन कर सकें.
महंगाई और करेंसी वैल्यू के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए
महासचिव ने पीएम से अपील की कि महंगाई और करेंसी वैल्यू के गिरने के चलते 8वें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन जल्द से जल्द किया जाए ताकि कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक बेहतर जीवन मिल सके और सरकारी नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतनमान संशोधन 1 जनवरी 2026 से होने वाला है लेकिन इस प्रक्रिया को तुरंत शुरू करना बेहद जरूरी है.
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कर्मचारियों के लिए बेहतर वेतन संरचना और सामाजिक जिम्मेदारी
कॉन्फेडरेशन का कहना है कि सरकार को अपने कर्मचारियों को एक सम्मानजनक जीवन प्रदान करने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए. बेहतर वेतन संरचना से कर्मचारी अपने कार्यों को अधिक प्रभावी तरीके से कर पाएंगे और सरकार की योजनाओं का कार्यान्वयन सही तरीके से हो सकेगा. उनका मानना है कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन रिवीजन में समय पर बदलाव से कर्मचारी अपने कार्यों को पूरे उत्साह और समर्पण से करेंगे.
सार्वजनिक क्षेत्र में वेतन संशोधन की आवश्यकता
महासचिव ने यह भी बताया कि सार्वजनिक उपक्रमों में वेतन संशोधन हर पांच साल में होता है जबकि सरकारी कर्मचारियों के लिए यह अवधि 10 साल की है. उनका कहना है कि यह असमानता दूर की जानी चाहिए ताकि सरकारी कर्मचारियों की वेतन संरचना को बेहतर और आकर्षक बनाया जा सके.
समय पर वेतन संशोधन से समाज पर सकारात्मक असर
एसबी यादव ने यह भी उल्लेख किया कि एक आदर्श नियोक्ता को कर्मचारियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए उन्हें सही वेतन और बेहतर जीवन देने की दिशा में काम करना चाहिए. इससे कर्मचारियों की कार्यप्रणाली में सुधार होगा और सरकारी योजनाओं का लाभ आम जनता तक अधिक प्रभावी तरीके से पहुंचेगा.
यह पत्र प्रधानमंत्री मोदी को भेजा गया है जिसमें 8वें वेतन आयोग के गठन की अपील की गई है, ताकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को बेहतर जीवन स्तर मिल सके और वे सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें.
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