नयी दिल्ली. आम तौर पर आर्थिक जानकार यह मानते हैं कि देश के शेयर बाजारों में मजबूती आती है और सरकार की ओर से आर्थिक सुधार के सख्त कदम उठाये जाते हैं, तो सोने के दाम गिरावट आती है. ऐसे में, सोना की खरीद करने वाले इसके दाम में और गिरावट आने का इंतजार करते हैं. जब कभी भी सर्राफा बाजार में गिरावट आती है, तो विशेषज्ञ इसके दाम को 20,000 रुपये तक आने का कयास लगाते हैं, लेकिन इसकी कीमत इस स्तर तक अभी तक नहीं पहुंच पायी है. सोमवार को 17 दिन बाद खुले सर्राफा बाजार में बड़ी गिरावट दर्ज की गयी. सोना 1,750 रुपये प्रति 10 ग्राम टूट कर 29,400 रुपये के स्तर पर पहुंच गया, तो चांदी 3100 रुपये किलो गिरकर 41600 रुपये के स्तर पर आ गयी. विशेषज्ञों की राय है कि इस समय सोना में निवेश करने का बेहतर मौका है.
दिल्ली के सर्राफा बाजार में लगातार 17 दिन की बंदी के बाद सोमवार को कारोबार शुरू हुआ, तो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोना के दाम में करीब 100 डॉलर (7.75 प्रतिशत) की गिरावट का असर दिखायी दिया. स्थानीय बाजार में सोना 5.62 प्रतिशत यानी 1,750 रुपये लुढ़ककर 29,400 रुपये प्रति दस ग्राम रह गया. स्थानीय बाजार में चांदी भी 3,100 रुपये टूटकर 41,600 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गयी.
आयकर की छापेमारी के बाद से ही बंद था सर्राफा बाजार
नोटबंदी के बाद बीते 10 नवंबर को सर्राफा बाजार में आयकर विभाग की छापेमारी के बाद से ही व्यापारियों ने दुकानें बंद कर रखी थी. सरकार द्वारा 09 नवंबर से एक हजार रुपये और 500 रुपये के पुराने नोटों को प्रतिबंधित करने की खबर आने के बाद काफी संख्या में लोग आभूषण खरीदकर कालेधन को सफेद कर रहे थे. इसकी जानकारी मिलने के बाद ही आयकर विभाग के अधिकारियों ने सघन जांच करते हुए स्थानीय दुकानदारों के यहां छापा मारना शुरू कर दिया था.
10 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1290 डॉलर प्रति औंस था सोना
बीते10 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोना 1,290 डॉलर प्रति औंस पर था, जो सोमवार के कारोबार के दौरान 1,194.10 डॉलर प्रति औंस पर रहा. दिसंबर का अमेरिकी सोना वायदा भी इस दौरान लगभग 100 डॉलर लुढ़ककर 1,193.10 डॉलर प्रति औंस बोला गया. पिछले 18 दिन के दौरान लंदन में चांदी हाजिर 18.85 डॉलर से घटकर 16.73 डॉलर पर आ गयी है.
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