नोटबंदी : एक बार में नहीं निकाल पायेंगे पूरी सैलरी, 24,000 रुपये की सीमा बरकरार
नयी दिल्ली : नोटबंदी के बाद 1 दिसंबर को सैलरी का दिन नजदीक आ रहा है. सैलरी वाले सप्ताह में लोगों को कैश की किल्लत हो सकती है. सरकार ने पूरी सैलरी बैंक से एक बार में निकालने की छूट नहीं दी है. वैसे लोग जिनकी सैलरी बैंक खाते में जाती है वे भी एक […]
नयी दिल्ली : नोटबंदी के बाद 1 दिसंबर को सैलरी का दिन नजदीक आ रहा है. सैलरी वाले सप्ताह में लोगों को कैश की किल्लत हो सकती है. सरकार ने पूरी सैलरी बैंक से एक बार में निकालने की छूट नहीं दी है. वैसे लोग जिनकी सैलरी बैंक खाते में जाती है वे भी एक सप्ताह में केवल 24000 रुपये तक निकाल सकेंगे. इसका मतलब यह हुआ कि जिन लोगों की सैलरी 24000 रुपये से ज्यादा है और उनकी सैलरी उनके खाते में ट्रांसफर होता है वे एक बार में पूरी सैलरी नहीं निकाल पायेंगे. ऐसे कर्मचारी एक सप्ताह की निकासी सीमा, मतलब 24000 रुपये निकाल सकेंगे. फिर दूसरे सप्ताह वे 24000 रुपये की सीमा तक सैलरी की निकासी कर सकेंगे.
कल ही रिजर्व बैंक ने निकासी के लिए सीमा पर विशेष छूट देने की घोषणा की है. दिसंबर का पहला सप्ताह 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद सैलरीपेशा लोगों का पहला सैलरी सप्ताह होगा. सरकार ने नोटबंदी के कुछ दिनों बाद ही केंद्रीय कर्मचारियों को अपने खाते से 10000 रुपये एडवांस निकालने की सुविधा दी थी. यह पैसा दिसंबर माह में मिलने वाले नवंबर की सैलरी से काट लिया जायेगा.
उधर बैंकों में वैध करेंसी नोटों को जमा करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने की दिशा में रिजर्व बैंक ने आज कहा कि वैध करेंसी नोट जमा करने वाले ग्राहक मौजूदा सीमा से अधिक राशि निकाल सकेंगे. आरबीआई ने बैंकिंग तंत्र में नोटों का सर्कुलेशन बढ़ाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है.
उदाहरण के तौर पर यदि कोई व्यक्ति 4,000 रुपये की रकम 2,000, 500, 100, 50, 20, 10 और 5 रुपये के वैध नोटों में जमा करता है तो उसके लिए निकासी सीमा 4,000 रुपये तक बढ़ जाएगी जो 24,000 रुपये की साप्ताहिक निकासी सीमा से उपर होगी. चालू खातों के लिए छोटे व्यापारियों के वास्ते निकासी सीमा प्रति सप्ताह 50,000 रुपये है.
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